पीपुल्स ब्यूरो, भोपाल। विद्युत ठेकेदारी के लाइसेंस के बदले 15 लाख रुपए की रिश्वत में से पहली किश्त बतौर एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए अधीक्षण यंत्री, विद्युत सुरक्षा को रंगे हाथों सतपुड़ा भवन की पार्किंग में तब पकड़ा गया, जब वह रिश्वत के रुपए कार में रखवाने के बाद जाने ही वाला था।
इस बारे में एसपी लोकायुक्त मनु व्यास ने बताया कि शिकायतकर्ता अस्मिता पाठक, निवासी गुड़गांव ने लिखित शिकायत में बताया कि वह दर्श रीन्युअल प्रालि. के लिए बतौर ऊर्जा सलाहकार काम करती हैं। इस कंपनी के सिंगरौली में 25 मेगावाट सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट स्थापना की प्रक्रिया के तहत ऊर्जा प्रोजेक्ट चार्जिंग एवं विद्युत ठेकेदारी लाइसेंस की स्वीकृति के लिए अधीक्षण यंत्री अजय प्रताप सिंह जादौन से मिली थीं। इस पर जादौन ने लाइसेंस स्वीकृति के बदले 15 लाख रुपए की रिश्वत मांगी, इस पर मोल भाव हुआ तो पहली किश्त में एक लाख रुपए देने पर सहमति बनी।
इसके बाद ही लोकायुक्त टीम ने तैयारी की और बुधवार को फरियादी अस्मिता पाठक रिश्वत देने पहुंची। आरोपी अधीक्षण यंत्री अजय प्रताप सिंह जादौन के सतपुड़ा भवन स्थित तीसरे फ्लोर पर पहुंची तो उसको लेकर पार्किंग में आ गया और वहां खड़ी अपनी कार में रखे काले बैग में रिश्वत के एक लाख रुपए रखवाने के बाद जैसे ही जाने लगा तो गिरफ्तार कर लिया गया।