
छत्तीसगढ़ सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमिताभ जैन को मुख्य सचिव पद पर बने रहने का फैसला किया है। सोमवार दोपहर हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इस निर्णय पर मुहर लगाई गई। केंद्र सरकार ने भी सेवा विस्तार के प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। इस फैसले ने प्रशासनिक हलकों में सबको चौंका दिया, क्योंकि अमिताभ जैन को उसी दिन विदाई दी जानी थी।
इन अफसरों के नाम थे रेस में आगे
मुख्य सचिव की दौड़ में तीन वरिष्ठ अफसरों के नाम सामने आ रहे थे –
- सुब्रत साहू (1992 बैच)
- अमित अग्रवाल (1993 बैच, प्रतिनियुक्ति पर)
- मनोज पिंगुआ (1994 बैच)
- लेकिन आखिरी समय में सरकार ने अनुभव और स्थिरता को प्राथमिकता दी।
जबलपुर से शुरू हुआ प्रशासनिक सफर
- अमिताभ जैन की पहली पोस्टिंग 1 जून 1990 को जबलपुर (तत्कालीन मध्यप्रदेश) में सहायक कलेक्टर के रूप में हुई थी। इसके बाद वे नीमच में एसडीएम और सरगुजा में प्रोजेक्ट अधिकारी रहे।
- ग्वालियर में एडिशनल कलेक्टर और फिर सीईओ बने।
- 1 फरवरी 1997 को रायगढ़ के कलेक्टर बने, फिर छतरपुर, होशंगाबाद, राजगढ़, और नीमच जैसे जिलों में कलेक्टर पद पर कार्य किया।
रायपुर के दो बार बने कलेक्टर
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद 1 नवंबर 2000 को रायपुर के पहले कलेक्टर बने। फिर 21 मार्च 2004 को दूसरी बार रायपुर जिले में कलेक्टर नियुक्त हुए। उनके कार्यकाल को प्रशासनिक अनुशासन और विकास की दृष्टि से याद किया जाता है।
मंत्रालयों और विभागों में निभाई अहम भूमिकाएं
- अमिताभ जैन ने छत्तीसगढ़ सरकार में कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली –
- वित्त, वाणिज्य, उद्योग, लोक निर्माण, जनसंपर्क, आबकारी, वन, योजना, जेल और परिवहन जैसे विभागों में उन्होंने सचिव, प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव के रूप में काम किया।
- साथ ही राज भवन, पब्लिक रिलेशन, और इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन में भी अपनी सेवाएं दीं।
केंद्र सरकार में भी निभाई अहम भूमिकाएं
- अमिताभ जैन भारत सरकार में सात साल तक प्रतिनियुक्ति पर रहे।
- वाणिज्य मंत्रालय में डायरेक्टर और संयुक्त सचिव रहे।
- विदेश नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाई।
- लंदन स्थित भारतीय हाई कमीशन में मिनिस्टर (इकोनॉमिक) के तौर पर भारत और यूके के बीच व्यापार-संबंधों को सुदृढ़ किया।