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MP के इतिहास में सबसे बड़ी जब्ती : साढ़े 12 करोड़ की चरस पकड़ी, 2 तस्कर गिरफ्तार; नेपाल से लाई जा रही थी भोपाल

भोपाल। मध्य प्रदेश में लगातार क्राइम ब्रांच की अवैध मादक पदार्थ तस्करों पर कार्रवाई जारी है। इसी बीच क्राइम ब्रांच ने प्रदेश के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी मादक पदार्थ की जब्ती की कार्रवाई को अंजाम दिया है। साथ ही दो अंतर्राज्यीय तस्करों को भी गिरफ्तार किया है, जिनके पास से करीब 36.18 किलो चरस बरामद की है। जब्त चरस की कुल कीमत लगभग 12 करोड़ 50 लाख रुपए आंकी गई है। तस्कर यह मादक पादर्थ नेपाल से ट्रेन के माध्यम से भोपाल ला जा रही थी। इसके पहले भी क्राइम ब्रांच भोपाल द्वारा नेपाल से लाई गई कुल 23 किलो चरस जिसकी कीमती लगभग 7.60 करोड़ पकड़ी गई थी।

बिहार के रहने वाले है दोनों आरोपी

जानकारी के अनुसार, क्राइम ब्रांच टीम को मुखबिर से सूचना मिली थी बड़ी मात्रा में चरस नेपाल से राजधानी भोपाल लाई जा रही है। दो तस्कर बड़ी मात्रा में अवैध रूप से मादक पदार्थ चरस लेकर अयोध्या बायपास के पास कोच फैक्ट्री जंगल में बैठे हैं, जो किसी अन्य तस्करों के इंतजार में है। दोनों के पास काले रंग का पिट्टू बैग हैं। आरोपियों में एक व्यक्ति जिसका नाम विजय शंकर यादव है, दूसरा आरोपी हरकेश चौधरी हैं। दोनों बिहार के गोपालगंज जिले के रहने वाले हैं।

36.18 किलो चरस बरामद

क्राइम ब्रांच टीम मुखबिर द्वारा बताए स्थान पर पहुंची। जहां दो व्यक्ति काले रंग के पिट्टू बैग लिए दिखाई दिए, जो पुलिस को देखकर भागने का प्रयास करने लगे, जिन्हे घेराबंदी कर धर दबोच लिया गया। दोनों के पास पिट्ठू बैग में बड़ी मात्रा में चरस मिली। आरोपी विजय शंकर यादव के कब्जे से 18 किलो 110 ग्राम अवैध मादक पदार्थ चरस मिला। वहीं आरोपी हरकेश चौधरी के कब्जे से 18 किलो 70 ग्राम अवैध मादक पदार्थ चरस मिला है। दोनों के पास से कुल मादक पादार्थ 36.18 किलो चरस एवं दो मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं, जिसकी कुल कीमत 12 करोड़ 50 लाख रुपए आंकी गई है। आरोपियों द्वारा पूछताछ पर उक्त पदार्थ चरस होना स्वीकार किया। आरोपीगण का कृत्य धारा 8/20 एनडीपीएस एक्ट के तहत दण्डनीय होने से थना क्राइम ब्रांच में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

भोपाल में बड़े मुनाफे पर बेचते चरत

दोनो आरोपी मूलतः बिहार के रहने वाले है, जो पहले से ही एक-दूसरे को जानते थे। नेपाल के रास्ते चरस को गिरोह के माध्यम से भोपाल तक पहुंचाते थे। नेपाल से सस्ते दामों में बिहार के तस्करों से खरीदकर भोपाल में लाखों रुपयों का मुनाफा कमाते थे। चरस तस्करी का यह काम काफी समय से चल रहा था नेपाली तस्कर से चरस लाकर भोपाल के क्षेत्रों में बड़ा मुनाफे पर सप्लाई देते थे।

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