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प्रवीण सूद को मिला एक साल का एक्सटेंशन, बने रहेंगे CBI निदेशक, जानें वजह

नई दिल्ली। देश की प्रमुख जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के निदेशक प्रवीण सूद का कार्यकाल केंद्र सरकार ने एक वर्ष के लिए और बढ़ा दिया है। उनका कार्यकाल 24 मई 2024 को समाप्त होने वाला था, लेकिन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में चयन समिति की बैठक में नए निदेशक के नाम पर सहमति न बनने के कारण यह निर्णय लिया गया। अब सूद 24 मई 2025 तक CBI प्रमुख बने रहेंगे।

चयन समिति की बैठक में नहीं बनी सहमति, बढ़ाया कार्यकाल

CBI निदेशक के चयन के लिए हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई थी। इस बैठक में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए थे। बैठक में नए निदेशक के नाम पर एकमत राय नहीं बन सकी, जिसके बाद चयन समिति की सिफारिश पर कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने प्रवीण सूद का कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ाने को मंजूरी दे दी। सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने सूद के कार्यकाल विस्तार पर असहमति जताई थी, लेकिन बहुमत की सहमति के चलते विस्तार को हरी झंडी दे दी गई।

DOPT ने जारी किया आदेश, एजेंसी में स्थायित्व बरकरार

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DOPT) ने प्रवीण सूद के कार्यकाल विस्तार का आदेश बुधवार को जारी किया। सरकार के इस कदम को CBI में नेतृत्व स्थायित्व बनाए रखने और लंबित मामलों में निर्णयात्मक भूमिका को जारी रखने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

1986 बैच के कर्नाटक कैडर के IPS अधिकारी हैं सूद

प्रवीण सूद 1986 बैच के कर्नाटक कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं। CBI निदेशक बनने से पहले वह कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक (DGP) के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने आईआईटी दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग में पढ़ाई की और मात्र 22 वर्ष की आयु में भारतीय पुलिस सेवा में चयनित हुए। उनका जन्म 1964 में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में हुआ था।

प्रवीण सूद ने 25 मई 2023 को CBI निदेशक का पदभार संभाला था और उन्हें शुरू में दो साल का कार्यकाल मिला था। अब उनका कार्यकाल 24 मई 2025 तक रहेगा।

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