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टैक्स चोरी के लिए च्यूइंग तंबाकू की आड़ में सेंटेड जर्दा बेचने का खेल

राजश्री गुटखा कंपनी पर 21 करोड़ की रिकवरी के लिए कसेगा शिकंजा

भोपाल। सेंट्रल जीएसटी महकमे ने राजश्री गुटखा बनाने वाली कानपुर की कायपान पान मसाला कंपनी के खिलाफ टैक्स चोरी की रकम वसूली के लिए शिकंजा कस दिया है। कस्टम्स सेंट्रल एक्साइज के प्रावधान के मुताबिक विभाग प्रॉपर्टी अटैचमेंट की कार्रवाई भी कर सकता है। मप्र में पान मसाला कंपनी को विभाग ने एक्साइज ड्यूटी चोरी करते हुए पकड़ा था। इस मामले में तीन महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी कंपनी को टैक्स चोरी की रकम के साथ ब्याज और जुर्माना की करीब 21 करोड़ रुपए की राशि सरकार के खजाने में जमा करने के निर्देश दिए थे। लेकिन कंपनी ने विभाग में अब तक केवल 3 करोड़ रुपए ही जमा किए हैं।

कंपनी को टैक्स चोरी के लिए च्यूइंग तंबाकू की आड़ में सेंटेड जर्दा बेचते पकड़ा गया था। इन दोनों तंबाकू में एक्साइज ड्यूटी पर चार गुना राशि का अंतर है। सेंटेड जर्दा पर एक्साइज ड्यूटी च्यूइंग तंबाकू से 400% ज्यादा है। मामला 2015 का है तब सेंट्रल जीएसटी की भोपाल डिवीजन रेंज-3 की टीम ने कायपान फैक्ट्री पर छापे की कार्रवाई के बाद एक्साइज चोरी का प्रकरण बनाया था।

प्रॉपर्टी अटैचमेंट का प्रावधान

सूत्रों का कहना है किकस्टम्स सेंट्रल एक्साइज के प्रावधान के अनुसार रिकवरी के लिए धारा 142 के तहत विभाग गुटखा कंपनी की प्रॉपर्टी अटैचमेंट की कार्रवाई कर सकता है। गुटखा कंपनी के संचालकों पर टैक्स चोरी, ब्याज और जुर्माने की कुल 21 करोड़ रुपए की राशि निकाली गई है।

प्रदेश में हैं कई ब्रांड्स

प्रदेश में गुटखा कारोबार हजारों करोड़ का है। गुटखा में कायपान (राजश्री) बड़ा ब्रांड है। इसके अलावा ज्यादातर ब्रांड्स की यहां ट्रेडिंग होती है। इनमें पान पराग, विमल, गुरु, करमचंद, पान विलास, सिग्नेचर, रजनीगंधा, कमला पसंद, आरएमडी और काका जैसे ब्रांड शामिल हैं। ज्यादातर की निर्माता कंपनी उत्तरप्रदेश में हैं।

कंपनी से वसूली के लिए की जाएगी सख्त कार्रवाई

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कायपान पान मसाला कंपनी ने करीब 3 करोड़ रुपए की राशि सरकारी खजाने में जमा कराई है। कंपनी को राशि जमा करने को कहा गया है। लेट-लतीफी होने पर मामले में विभाग सख्त कार्रवाई भी करेगा। -राकेश गोयल प्रिंसिपल कमिश्नर सेंट्रल जीएसटी भोपाल

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