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पॉलिटिक्स 2023, बीजेपी के “लुटेरा” का जवाब कांग्रेस का न-“रियल”, इलेक्शन से पहले बीजेपी-कांग्रेस का कैंपेन वार शुरू

भोपाल । एमपी में इलेक्शन से पहले बीजेपी और कांग्रेस के बीच हर स्तर पर तल्खी दिखाई दे रही है। कभी राजनीतिक सौम्यता और शालीनता का पर्याय रही राज्य की राजनीति शायद अब बुरे दौर से गुजर रही है। यही वजह है कि केवल नेताओं के बयान ही नहीं बल्कि सोशल मीडिया और अब इलेक्शन कैंपेन(चुनाव प्रचार) में भी एक दूसरे पर जमकर हमला बोला जा रहा है। हालिया मामला बीजेपी और कांग्रेस के इलेक्शन कैंपेन का है, जिसमें बीजेपी ने कमलनाथ को लुटेरा की संज्ञा दी तो कांग्रेस ने अपने कैंपेन का जवाब न-रियल के जरिए दिया है।

यह है कांग्रेस का जवाबी न-“रियल” कैंपेन

कांग्रेस ने बीजेपी के उस कैंपेन का जवाब दिया है, जिसमें कमलनाथ पर फोकस करते हुए रणवीर कपूर की फिल्म लुटेरा की तर्ज पर वीडियो बनाया गया था। इस वीडियो में कमलनाथ को बाइक चलाते हुए लुटेरे के रूप में दिखाने की कोशिश की गई। इसका जवाब कांग्रेस ने ना-रियल कैंपेन के जरिए दिया है। 1 मिनट 4 सेकंड के इस एड में कांग्रेस ने प्रदेश बीजेपी सरकार पर तंज कसते हुए चुनौवी साल में हो रही घोषणाओं और विकास कार्यों के भूमिपूजन कार्यक्रमों में नारियल फोड़ने पर तंज कसा है। कांग्रेस ने अपने एड में नारियल को नए सिरे से परिभाषित करते हुए इसे न-रियल बताया है और दावा किया है कि चुनावी साल में बीजेपी झूठे नारियल फोड़ रही है।

पहले “भगवान” अब “प्रसाद” पर राजनीति

कर्नाटक में चुनाव निपटने के बाद एमपी में सियासी आरोप-प्रत्ययारोप का दौर तेज हो गया है। पहले बजरंग बल और बजरंग बली को लेकर दोनों दलों के नेता आपस में खूब उलझे। इसके बाद ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया पर नेताओं के बीच जमकर वार और प्रतिवार का दौर चला। अब मामला कैंपेन वार तक पहुंच गया है। दोनों ही दल अपने कैंपेन में खुद की खूबियों के बजाय विरोधी की खामियं गिना रहे हैं। आलम ये है कि कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव का नतीजा आने के बाद पहले तो भगवान हनुमान पर आधारित एक वीडियो बनाया और फिर प्रसाद में चढ़ने वाले नारियल को राजनीति का जरिया बनाया। इधर, बीजेपी के एड कैंपेन में भी श्रीराम, राम मंदिर का हमेशा होता रहा है।

 

नारियल पर “तना-तनी”

इस कैंपेन को लेकर भी बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं। बीजेपी के प्रवक्ता डॉ दुर्गेश केसवानी नारियल को सौभाग्य और समृद्दि का प्रतीक बताते हुए कांग्रेस पर हमला बोल रहे हैं। डॉ केसवानी के मुताबिक दो दशकों के मेडिकल कॉलेज की संख्या 4 से 24 होना, सड़कें 30 हजार से बड़कर 3 लाख किलोमीटर होना,सिंचाई का रकबा 4.5 लाख से 45 लाख हेक्टयेर होना और बिजली उत्पादन में प्रदेश का सरप्लस होना नारियल फोड़ने से ही संभव हो पाया। इधर, बीजेपी के जवाब में कांग्रेस का दावा है कि विगत दो दशकों में अब तक केवल दिखावे के लिए ही नारियल फोड़े हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रवि सक्सेना का आरोप है कि सीएम ने ही 24 हजार से ज्यादा घोषणाएं की और नारियल फोड़ दिए लेकिन इनमें से अधिकांश को कोई अता-पता ही नहीं है। सक्सेना के मुताबिक यही अहम वजह है कि बीजेपी का नारियल असल में न-रियल हो गया है।

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