
इंदौर। मध्यप्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक इतिहास में आज एक ऐतिहासिक दिन दर्ज हो गया, जब लगभग 80 साल बाद इंदौर के राजवाड़ा परिसर में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक का शुरू हुई। इस बैठक की व्यवस्था राजवाड़ा के गणेश हॉल में की गई। जहां मंत्रियों के ओएसडी और एमपी अधिकारियों को जानकारी लेने के बाद ही एंट्री दी गई।
ऐतिहासिक स्थल पर ऐतिहासिक बैठक
यह पहली बार है जब आजादी के बाद राज्य की कैबिनेट बैठक किसी ऐतिहासिक धरोहर स्थल राजवाड़ा में आयोजित की जा रही है। इससे पहले यहां अंतिम मंत्री परिषद की बैठक 1945 में तत्कालीन होल्कर शासक महाराजा यशवंतराव तृतीय द्वारा बुलाई गई थी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक को देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में खास तौर पर राजवाड़ा में आयोजित किया गया है। बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सीट के आगे देवी अहिल्याबाई की मूर्ति रखी गई, जिसके बाद सीएम ने बैठक से पहले देवी अहिल्या का स्मरण कर पुष्पांजलि दी। सीएम और कुछ मंत्री धोती कुर्ता पहने भगवा दुपट्टा डालकर बैठक में पहुंचे।
विवादों में घिरे मंत्री रहे अनुपस्थित
बैठक में सभी मंत्री उपस्थित रहे, लेकिन वन मंत्री विजय शाह बैठक में अनुपस्थित रहे। वह हाल ही में कर्नल सोफिया को लेकर दिए गए विवादास्पद बयान के कारण आलोचनाओं में घिरे हुए हैं। उनकी अनुपस्थिति पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन इसे राजनीतिक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
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