
भोपाल। बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव जनवरी महीने तक होना था, लेकिन आधा अप्रैल भी निकल गया और पार्टी को अभी तक अपने नए अध्यक्ष का इंतजार है। वहीं मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार को भी डेढ़ साल होने वाला हैं। साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार का भी नेताओं को इंतजार है। ऐसे में प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट तेज
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं जोरों पर हैं। सूत्रों के अनुसार, आगामी दिनों में नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। वहीं पुराने लोगों को भी मौके मिल सकता है। वहीं पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, जयंत मलैया, हरिशंकर खटीक, ब्रजेंद्र प्रताप सिंह और संजय पाठक जैसे नेताओं का नंबर आने की संभावना नजर आ रही है। बता दें कि हाल ही में पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट है, तो मध्य प्रदेश में भी इस बात की चर्चा शुरू हो गई है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद मंत्रियों के प्रदर्शन के आधार पर मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है।
मंत्रिमंडल में 4 मंत्रियों की जगह खाली
सूत्रों का कहना है कि क्षेत्रीय संतुलन साधने के हिसाब से भी कुछ पूर्व मंत्रियों को फिर मौका दिया जा सकता है। साथ ही कांग्रेस से भाजपा में आए छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा सीट से विधायक कमलेश शाह को भी इंतजार है। रामनिवास रावत के मंत्रिमंडल से त्याग पत्र देने के बाद मोहन कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित 31 मंत्री हैं। फिलहाल मध्य प्रदेश में इस समय 4 मंत्रियों के लिए पद खाली है। मध्य प्रदेश सरकार में अधिकतम 34 मंत्री हो सकते हैं।
राजनीतिक नियुक्तियां होंगी
सूत्रों का कहना है कि अभी प्राथमिकता प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति है, इसलिए यह काम इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले हो सकता है। उधर, राजनीतिक नियुक्तियां भी अब की जाएंगी। इसको लेकर संगठन स्तर पर कई बार चर्चा भी हो चुकी है।
एक हफ्ते के भीतर पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की घोषणा
बता दें कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर अहम बैठक हुई। बताया जाता है कि बीजेपी के बड़े नेताओं की बैठक में 5 बड़े राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष के लिए नाम पर मंथन हुआ। जिनमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और ओडिशा शामिल हैं। माना जा रहा है कि बड़े राज्यों में अध्यक्षों का नाम जल्दी ही तय हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक एक हफ्ते के भीतर पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की घोषणा हो सकती है।