
राजीव सोनी-भोपाल। मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों में शैक्षणिक संस्थाओं की उनके मूल उद्देश्य से इतर संचालित व्यावसायिक गतिविधियां अब आयकर विभाग के निशाने पर हैं। जबलपुर जिले के स्कूलों पर हुए प्रशासन के एक्शन और करोड़ों रुपए की वसूली का मामला सुर्खियों में है। इन स्कूलों में आयकर छूट और एक्ट के उल्लंघन की छानबीन शुरू की गई है। अन्य जिलों में भी प्रशासन ने ऐसी संस्थाओं से रिकार्ड मंगाए हैं।
धाराओं में छूट का गलत फायदा उठा रहीं संस्थाएं
आयकर एक्ट की 12 एबी और अन्य धाराओं में टैक्स से छूट के लिए यह प्रावधान है कि चैरिटी के मूल उद्देश्य के साथ यदि किसी तरह का कारोबार और बिजनेस भी संचालित करते हैं तो लाभ नहीं मिलेगा। संस्थाओं को अपनी कमाई का 85 फीसदी हिस्सा जन कल्याण पर खर्च करना होगा। लेकिन छानबीन में ऐसी संस्थाएं भी मिली हैं जो दुकान, मैरिज हाल का किराया अथवा प्रॉपर्टी से अन्य व्यावसायिक लाभ भी कमा रही हैं।
ब्याज-जुर्माने के साथ होगी टैक्स वसूली
आयकर विभाग ने ऐसी गैर सरकारी संस्थाओं की जांच शुरू की है जो धार्मिक, सामाजिक, चिकित्सा और शैक्षणिक क्षेत्र में चैरिटी के नाम पर टैक्स की छूट ले रही हैं। आयकर अधिनियम की 12 एबी, 80 जी, 10(23) और 11-12 सहित अन्य धाराओं के उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर ऐसी संस्थाओं से ब्याज और जुर्माने के साथ वसूली हो सकती है।
फ्लैश बैक: कई मामलों में जांच
आयकर विभाग पूर्व में आईटी एक्ट के उल्लंघन पर बुरहानपुर की शैक्षणिक संस्था मैक्रो विजन एकेडमी पर कार्रवाई कर चुका है। टेरर फंडिंग के मामले में रायपुर की दावत-ए-इस्लामी और कुछ अन्य संस्थाओं पर आयकर छूट की धारा का उल्लंघन को लेकर उनके लायसेंस कैंसिल किए जा चुके हैं।
भिंड में भी जबलपुर जैसा प्रयोग
भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने निजी स्कूलों की किताबों के मनमाने दरों पर अंकुश लगाते हुए कक्षा 1 से लेकर 8वीं तक की किताबों की दरें निर्धारित करने का आदेश दिए हैं। यहां सभी कक्षाओं के सिलेबस के रेट तय कर दिए गए हैं।
कुछ संस्थाएं हाईकोर्ट व राज्य स्तरीय समिति में पहुंचीं
जबलपुर की तर्ज पर कुछ जिलों ने भी एक्शन लिया है। प्रशासन ने जबलपुर में निजी स्कूलों द्वारा हजारों छात्रों से नियम विरुद्ध वसूली गई अतिरिक्त फीस को अवैध ठहराते हुए लौटाने के निर्देश दिए हैं। कुछ स्कूल संचालकों ने हाईकोर्ट की शरण ली है और राज्य स्तरीय समिति में अपील भी की है। उनका मामला पेंडिंग चल रहा है। आईटी एक्ट उल्लंघन की जांच हमारे दायरे में नहीं है। -दीपक सक्सेना, कलेक्टर जबलपुर