
वाशिंगटन। प्रख्यात निवेशक वॉरेन बफेट की कंपनी बर्कशायर हैथवे ने 325 अरब डॉलर पूंजी शेयरों से निकाल कर नकद संग्रह किया है। उन्होंने शेयरों में लगी यह धनराशि ऐसे समय में निकाली है, जब अमेरिकी बाजार उच्च मूल्यांकन पर कारोबार करते दिख रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से अमेरिकी बाजार में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। जिससे निवेशकों की भविष्य में संभावित रिटर्न को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। बफेट ने उस समय नकदी संग्रह किया है, जब उन्हें बाजार ओवर वैल्यूड लग रहे हैं। उन्होंने यह पूंजी तब निवेश थी, जब बाजार बड़े करेक्शन से गुजर रहा था। उनके पसंदीदा मूल्यांकन संकेतकों में से एक बफेट इंडिकेटर, जो अमेरिकी शेयर बाजार के मार्केट कैप और जीडीपी के अनुपात को मापता है, रिकॉर्ड ऊंचाई पर जा पहुंचा है। इस बार इसका स्तर 2000 के डॉट-कॉम क्रैश और 2008 के वित्तीय संकट से पहले देखे गए स्तरों से भी अधिक है। ऐतिहासिक रूप से, जब भी यह सूचकांक अधिक रहा है, तब बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। वर्तमान में एसएंडपी 500 इंडेक्स 25 गुना फारवर्ड अर्निंग्स पर कारोबार कर रहा है, जो 1990 के बाद के औसत 18 गुना से काफी अधिक है।
निवेश के सही अवसर की प्रतीक्षा कर रहे दिग्गज इन्वेस्टर
एक और कारण है, जिस वजह से बफेट सतर्क हो गए हैं। मौजूदा बाजार में शेयरधारकों को कम रिटर्न मिल रहा है। एसएंडपी 500 की डिवीडेंड यील्ड केवल 1.3 फीसदी है, जबकि हाल ही में 12 माह की बायबैक यील्ड 1.8 फीसदी रही है। इसका मतलब है कि निवेशकों को पिछले सालों की तुलना में कम रिटर्न मिल रहा है। दूसरी ओर, अल्पकालिक अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड की यील्ड लगभग 5 फीसदी पर बनी है, जो शेयरों की तुलना में अधिक आकर्षक निवेश विकल्प उपलब्ध कराती है। बर्कशायर हैथवे के दस्तावेजों से पता चलता है कि हाल की तिमाहियों में उसकी शेयर खरीदारी कम रही है। बफेट ने 2000 के डॉट-कॉम बबल और 2008 के वित्तीय संकट से पहले भी बड़े स्तर पर नकदी संग्रह किया था। हर बार उन्होंने तभी पूंजी लगाई है जब बाजार में गिरावट देखने को मिली। इस समय बफेट बाजार के खिलाफ न जाते हुए निवेश के सही अवसर की प्रतीक्षा कर रहे हैं। वह पहले भी इसी रणनीति के हिसाब से शेयर बाजार में निवेश करते रहे हैं।