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Budget 2025 : बजट में भारतीय रेलवे को साल 2026 के पूंजीगत व्यय आवंटन में हो सकती है 15 से 20 फीसदी की वृद्धि

नई दिल्ली। आम बजट में भारतीय रेलवे को वित्तीय वर्ष 2026 के लिए पूंजीगत व्यय आवंटन में 15 से 20 फीसदी की वृद्धि मिल सकती है। यह वृद्धि चालू वित्त वर्ष में 2.65 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो सकती है। रेलवे इस वर्ष आवंटित धनराशि को समय पर खर्च करने का लक्ष्य रख रही है। बजट 2025-26 में पूंजीगत व्यय में 20 फीसदी तक की वृद्धि की उम्मीद है, जिससे रेलवे के बुनियादी ढांचे में सुधार और विस्तार किया जा सके।

पिछले बजट का 80 फीसदी हुआ खर्च

चालू वित्तीय वर्ष में, रेलवे बोर्ड ने 2.65 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत व्यय का लगभग 80 फीसदी खर्च कर लिया है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया इस वित्तीय वर्ष के समाप्त होने से पहले लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा। अगले वर्ष के लिए उच्च आवंटन का उपयोग नई रेल लाइनों के बिछाने और मौजूदा पटरियों को उन्नत बनाने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, यह आवंटन लोकोमोटिव, वैगन और कोच जैसे रोलिंग स्टॉक की खरीद के लिए भी किया जाएगा।

आर्थिक वृद्धि दर 6.4 फीसदी रहने की संभावना

बुलेट ट्रेन परियोजना के नाम से पहचाने जाने वाले मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (एमएएचएसआर),  को भी तेजी से पूरा करने के लिए बजटीय सहायता में वृद्धि मिलने की संभावना है। इसके अलावा, भारतीय रेलवे आधुनिक ट्रेनों की शुरुआत, अपग्रेडेड रेलवे स्टेशनों के उद्घाटन और ट्रैक नेटवर्क को कम भीड़भाड़ वाला बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। भारत की आर्थिक वृद्धि दर इस वित्तीय वर्ष में 6.4 फीसदी तक गिरने की संभावना है, जो पिछले वर्ष 8.2 फीसदी थी। अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए, निजी निवेश को प्रोत्साहित करने और आर्थिक मंदी को दूर करने के लिए सरकार से उच्च पूंजीगत व्यय योजना जारी रखने की अपेक्षा की जा रही है।

पिछले बजट में पूंजीगत व्यय के लिए 11.1 लाख करोड़ रुपए का था प्रावधान

वर्तमान वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार ने पूंजीगत व्यय के लिए 11.1 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया था, जो वित्तीय वर्ष 2024 के 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। बजट 2026 में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत निवेश के लिए उच्च लक्ष्य भी निर्धारित किए जाने की संभावना है। इस वित्तीय वर्ष में भारतीय रेलवे ने पीपीपी मॉडल के माध्यम से 10,000 करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय करने की योजना बनाई थी, जिसमें से लगभग 90 फीसदी जनवरी मध्य तक पूरा कर लिया गया।

चालू वित्तीय वर्ष में रोलिंग स्टॉक के लिए  50,903 करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय निर्धारित किया गया था। नई लाइनों, गेज परिवर्तन, ट्रैक डबलिंग, ट्रैफिक सुविधाओं, रेलवे विद्युतीकरण, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में निवेश और महानगरीय परिवहन के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था। इसके अतिरिक्त, सुरक्षा संबंधी कार्यों के लिए 34,412 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया।  राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल निगम लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल), जो बुलेट ट्रेन परियोजना का कार्यान्वयन कर रहा है, के लिए वित्तीय वर्ष 2025 में 21,000 करोड़ रुपए का निवेश निर्धारित किया गया था। इस महत्वपूर्ण कॉरिडोर पर तेजी से बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।

अगले वित्तीय वर्ष में शुरू होंगी वंदे भारत की स्लीपर ट्रेनें

इसके अलावा, अगले वित्तीय वर्ष में भारतीय रेलवे वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का संचालन शुरू करेगी, जो लंबी यात्राओं के दौरान यात्रियों को बेहतर आराम प्रदान करेंगी। इन ट्रेनों को अधिक सुविधाजनक और आधुनिक बनाने की योजना है। कुल मिलाकर, भारतीय रेलवे के लिए बजट 2025-26 में पूंजीगत व्यय में वृद्धि, बुनियादी ढांचे के विकास, नई परियोजनाओं की शुरुआत और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण होगी। यह न केवल रेलवे के परिचालन में सुधार करेगा, बल्कि आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहित करेगा।

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