
पाकिस्तान ने बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ को भारत को सौंप दिया है। अटारी-वाघा बॉर्डर पर आज सुबह 10:30 बजे पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें भारतीय अधिकारियों को हैंडओवर किया। जवान को अभी पूछताछ के लिए ले जाया गया है।
गलती से पार की थी इंटरनेशनल बॉर्डर
पूर्णम कुमार पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात थे। गलती से उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर ली थी, जिसके बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें पकड़ लिया। तभी से वे करीब 20 दिन तक पाकिस्तान की हिरासत में रहे।
तनाव के बीच परिजनों की बढ़ी चिंता
इस बीच भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद के ड्रोन हमलों के कारण तनाव काफी बढ़ गया। ऐसे में पूर्णम कुमार के परिवार की चिंता भी बढ़ती जा रही थी।
पत्नी राजनी को था भरोसा
पूर्णम की पत्नी राजनी ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि DGMO स्तर की बातचीत में उनके पति की रिहाई का मुद्दा उठेगा।
उन्होंने बताया कि जब भारत ने 3 मई को एक पाकिस्तानी रेंजर को पकड़ा, तो लगा था कि बदले में पूर्णम को भी छोड़ा जाएगा। लेकिन ऐसा तुरंत नहीं हुआ।
ममता बनर्जी ने की थी मदद की पेशकश
राजनी ने बताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद उन्हें फोन कर मदद का भरोसा दिया था। उन्होंने परिवार की चिकित्सा सहायता की भी बात की थी।
पहलगाम आतंकी हमला : टर्निंग पॉइंट
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले को 26/11 के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला माना गया। इसमें कई नागरिक और पर्यटक मारे गए।
भारत का जवाब : ऑपरेशन सिंदूर
भारत ने इसका जवाब 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए दिया। इस अभियान में तीनों सेनाओं – थल, वायु और नौसेना ने मिलकर पाकिस्तान और PoK में मौजूद आतंकी ठिकानों को नष्ट किया।
पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई नाकाम
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने 7-8 मई की रात को भारत के 15 सैन्य ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया, लेकिन भारतीय सेनाओं ने इसे पूरी तरह नाकाम कर दिया।
भारतीय नौसेना ने अपने Carrier Battle Group और एयर डिफेंस सिस्टम के जरिए पाकिस्तानी वायु हमलों को समुद्र में ही रोक दिया।
भारत का स्पष्ट संदेश
भारत ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी आतंकी गतिविधि या घुसपैठ को बर्दाश्त नहीं करेगा। पूर्णम कुमार की सुरक्षित वापसी भी भारत की मजबूत कूटनीति और सैन्य रणनीति का ही नतीजा है।