इंदौरमध्य प्रदेश

व्यापारी से मंडी लाइसेंस के लिए मांगी रिश्वत, लोकायुक्त पुलिस ने दबोचा

रिश्वत लेते हुए सहायक उपनिरीक्षक रंगेहाथ गिरफ्तार

खंडवा। पंधाना कृषि उपज मंडी में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक द्वारा एक व्यापारी से कृषि उपज खरीदने के लिए क्रय केंद्र के मंडी लाइसेंस के लिए रिश्वत मांगी गई थी। लोकायुक्त पुलिस, इंदौर ने 12,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए सहायक उपनिरीक्षक को मंगलवार को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आवेदक महेंद्र अग्रवाल की शिकायत पर अरविंद मंडलोई मंडी सहायक उपनिरीक्षक पंधाना, शुभम सोनी मंडी सहायक उपनिरीक्षक पंधाना, सुनील वास्कले मंडी सहायक उपनिरीक्षक पंधाना को आरोपी बनाया है।

महेंद्र अग्रवाल ने बताया व्यापारियों को साल 2020 में उनके स्थान से कृषि उपज क्रय हेतु क्रय केंद्र के मंडी लाइसेंस दिए गए थे, जिसकी समयावधि निर्धारित नहीं थी। उस पर उन्होंने कृषि उपज क्रय की थी, जिसका मंडी टैक्स भी चुकाया गया था।

पोर्टल 31 जून, 2020 को बिना सूचना के बंद हो जाने से उनका कुछ कृषि उपज विक्रय हेतु रह गई छी। उनके द्वारा पुन: मंडी शुल्क भुगतान कर उपज विक्रय की गई। मंडी सहायक उपनिरीक्षकों द्वारा उनके गोदाम चेक करने पर स्टॉक में 141 क्विंटल मक्का अतिरिक्त पाया गया, जिसके लिए सहायक उपनिरीक्षकों द्वारा रिश्वत के रूप में  80,000 रुपए मांगे गए थे।

अग्रवाल ने इसकी सूचना आवेदक SP लोकायुक्त इंदौर को दी थी। जिस पर 13 सितंबर को रिकॉर्डिंग कराई गई। बातचीत के दौरान 15,000 रुपए में लेन-देन तय हुआ। उसमें सभी सहायक उपनिरीक्षक के तीन-तीन हजार एवं मंडी सचिव के 5,000 रुपए निर्धारित थे। इसके बाद 14 सितंबर को मंडी कार्यालय में सुनील वास्कले सहायक उपनिरीक्षक मंडी को उनके कार्यालय में महेंद्र अग्रवाल से 12,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों ट्रैप किया गया।

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