
अमेरिका के टेक्सास में एक 71 वर्षीय महिला की दुर्लभ मस्तिष्क संक्रमण से मौत हो गई। यह संक्रमण एक आम घरेलू प्रक्रिया – नाक की सफाई (साइनस सिंचाई) – के कारण हुआ। महिला ने नाक धोने के लिए बिना उबाले नल के पानी का इस्तेमाल किया, जो एक खतरनाक अमीबा – नेगलेरिया फाउलेरी से दूषित था।
चार दिन में बिगड़ी हालत, 8वें दिन मौत
सीडीसी (CDC) की रिपोर्ट के मुताबिक, नाक की सफाई के चार दिन बाद महिला को तेज बुखार, सिरदर्द और मानसिक भ्रम जैसे लक्षण दिखाई देने लगे। डॉक्टरों ने तुरंत प्राथमिक अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस (PAM) का इलाज शुरू किया, लेकिन संक्रमण तेजी से मस्तिष्क में फैल गया। महिला को दौरे पड़ने लगे और नाक धोने के सिर्फ आठ दिन बाद उसकी मौत हो गई।
क्या है नेगलेरिया फाउलेरी?
यह एक सूक्ष्म अमीबा है जिसे आमतौर पर “ब्रेन-ईटिंग अमीबा” कहा जाता है। यह अमीबा नाक के जरिये शरीर में प्रवेश करता है और सीधे मस्तिष्क को संक्रमित करता है। यह गर्म और ताजे पानी जैसे झीलों, झरनों और कभी-कभी नल के पानी में भी पाया जा सकता है। PAM नामक बीमारी से पीड़ित लगभग सभी मरीजों की मौत हो जाती है।
CDC की चेतावनी: नल का पानी न करें इस्तेमाल
हालांकि टेक्सास की महिला के नाक धोने वाले पानी में सीधे अमीबा की पुष्टि नहीं हुई, लेकिन CDC ने बताया कि वह पानी अपर्याप्त रूप से कीटाणुरहित था।
सीडीसी की सिफारिश
नाक की सफाई (Neti Pot या अन्य डिवाइस से) केवल बाँझ (sterile), आसुत (distilled) या उबाले हुए और ठंडा किए पानी से करें। नल का पानी सीधे इस्तेमाल करना खतरनाक हो सकता है। गर्म मीठे पानी में तैरने या नहाने से पहले भी सावधानी बरतें।
अब तक कितने मामले?
CDC के आंकड़ों के मुताबिक, 1962 से 2023 तक अमेरिका में केवल 164 मामले ही दर्ज किए गए हैं, लेकिन इनमें सिर्फ चार लोग ही जीवित बच पाए हैं। इसका मतलब यह संक्रमण लगभग 98% मामलों में जानलेवा होता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह
नाक की सफाई करते समय स्वच्छ पानी का उपयोग करें। गर्म जलस्रोतों में तैरते समय नाक में पानी जाने से रोकें। किसी भी तरह के साइनस संक्रमण या जल स्रोत से जुड़ी समस्या के बाद तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।