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मोदी सरनेम मानहानि केस : राहुल गांधी को 13 अप्रैल तक मिली जमानत, सजा रद्द करने पर 3 मई को होगी सुनवाई

सूरत। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सूरत की सेशन कोर्ट में सोमवार को दो अर्जी लगाईं। मोदी सरनेम पर टिप्पणी से जुड़े मानहानि केस में दोषी ठहराए जाने के 11 दिन बाद उन्होंने याचिका दायर की। एक मानहानि केस में मिली सजा को रद्द करने के लिए थी, जबकि दूसरी में रेगुलर बेल मांगी गई। वहीं कोर्ट ने कोर्ट ने कांग्रेस नेता की जमानत 13 अप्रैल तक बढ़ा दी है। इसी दिन राहुल की जमानत पर सुनवाई होगी। इसके साथ सजा रद्द करने पर वाली याचिका पर 3 मई को सुनवाई होगी।

राहुल के साथ रहेंगे 3 राज्यों के CM

राहुल गांधी के साथ बहन प्रियंका गांधी भी सूरत कोर्ट गईं थीं। इनके अलावा तीन राज्यों के मुख्यमंत्री- अशोक गहलोत (राजस्थान), भूपेश बघेल (छत्तीसगढ़) और सुखविंदर सिंह सुक्खू (हिमाचल प्रदेश) भी उनके साथ कोर्ट पहुंचे। इस दौरान कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भी मौजूद रहे।

राहुल के खिलाफ मानहानि के पांच केस दर्ज

मोदी सरनेम वालों को चोर कहकर उनका अपमान करने वाले बयान को लेकर अलग-अलग राज्यों में राहुल पर मानहानि के पांच केस दर्ज हैं। इनमें से एक मामले में सूरत कोर्ट उन्हें दो साल की सजा सुना चुका है। वहीं अब 12 अप्रैल को राहुल गांधी को पटना कोर्ट में हाजिर होना है। बता दें कि, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने पटना की मजिस्ट्रेट कोर्ट में मोदी सरनेम मामले को लेकर मानहानि का मामला दायर किया है।

राहुल गांधी को 2 साल की सजा

राहुल गांधी द्वारा मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी से जुड़े मानहानि केस में सूरत कोर्ट ने गुरुवार (23 मार्च) को फैसला सुनाया था।कोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी को दोषी करार करते हुए उन्हें 2 साल की सजा सुनाई और 15 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। जिसके तुरंत बाद उन्हें 30 दिन की जमानत भी मिल गई थी। राहुल गांधी ने कोर्ट में कहा कि- ‘बयान देते वक्त मेरी मंशा गलत नहीं थी।’ कोर्ट ने 17 मार्च को इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।

सुनवाई के दौरान राहुल गांधी ने कोर्ट में कहा कि- मेरा इरादा गलत नहीं था। ”मैंने जो बोला, वो राजनेता के तौर पर बोला। मैं हमेशा देश में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाता रहा हूं।” सुनवाई के दौरान राहुल के वकील ने जज से अपील की थी कि, उनके बयान से किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। ऐसे में इस मामले में कम से कम सजा सुनाई जाए। वहीं शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने इस मामले में अधिकतम सजा और जुर्माने की मांग की थी।

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राहुल धारा 500 के तहत दोषी करार

इस केस में राहुल को आईपीसी की धारा 500 के तहत दोषी करार दिया गया है। इसमें 2 साल की सजा का प्रावधान है। राहुल को कोर्ट ने तुरंत राहत देते हुए 30 दिन की जमानद दे दी। इसके साथ ही कोर्ट ने राहुल को इसी समय में ऊपरी अदालत में अर्जी दाखिल करने का वक्त दिया। वे इस दौरान परमानेंट बेल के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।

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क्या है पूरा मामला

राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान ये बयान दिया था। 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में राहुल गांधी ने कहा था कि- नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?

राहुल के इस बयान को पूरे मोदी समाज का अपमान बताते हुए बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे।

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