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महिला पहलवान से यौन शोषण के मामले में बृजभूषण शरण सिंह को बड़ी राहत, पटियाला हाउस कोर्ट ने बंद किया केस

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद और रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को यौन शोषण के गंभीर आरोपों से जुड़े एक मामले में कानूनी राहत मिली है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामले को समाप्त करते हुए दिल्ली पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। यह मामला एक नाबालिग महिला पहलवान की ओर से दायर किया गया था, जिसने बाद में अपने आरोप वापस ले लिए थे

कोर्ट ने स्वीकार की पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट

पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस द्वारा दायर की गई क्लोजर रिपोर्ट को सही ठहराते हुए कहा कि अब इस मामले में आगे सुनवाई की जरूरत नहीं है। इससे बृजभूषण शरण सिंह को न केवल कानूनी राहत मिली है, बल्कि उनके राजनीतिक भविष्य के लिए भी यह फैसला अहम माना जा रहा है।

बेटे प्रतीक भूषण बोले- यह सत्य की जीत है

बृजभूषण शरण सिंह के बेटे और विधायक प्रतीक भूषण सिंह ने कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा- “हमने एक झूठे और मनगढ़ंत मामले में न्यायिक विजय प्राप्त की है। प्रत्येक तथ्यहीन आरोप अब न्याय के कठघरे में धराशायी हो रहा है। यह सत्य की जीत है और यह जीत आगे भी कायम रहेगी।”

क्या था मामला?

बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, जिनमें से एक शिकायतकर्ता नाबालिग थी। इसी आधार पर दिल्ली पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। बाद में नाबालिग पहलवान ने अपने आरोप वापस ले लिए, जिसके बाद पुलिस ने केस की क्लोजर रिपोर्ट अदालत में पेश की।

अब भी चल रही है एक अन्य FIR की सुनवाई

हालांकि, यह पूरी कानूनी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों की ओर से दर्ज दूसरी एफआईआर के तहत यौन उत्पीड़न के आरोपों में IPC की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है। पांच महिला पहलवानों की शिकायत के आधार पर आरोप तय किए गए हैं। इस केस की सुनवाई अभी जारी है और बृजभूषण ने FIR, चार्जशीट और ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

नाबालिग को किया गया था समन

इससे पहले कोर्ट ने 17 मई को नाबालिग शिकायतकर्ता को 26 मई को पेश होने के लिए समन जारी किया था, ताकि यह तय किया जा सके कि केस समाप्त किया जाए या नहीं। अब उसके बाद कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार करते हुए पॉक्सो केस को बंद कर दिया है।

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