Manisha Dhanwani
5 Nov 2025
नई दिल्ली। टर्की की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी एविएशन को भारत में एयरपोर्ट संचालन से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कंपनी की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) द्वारा मई में उसकी सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के फैसले को चुनौती दी थी। अदालत ने केंद्र सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में सरकार के पास यह अधिकार है कि वह बिना कोई कारण बताए भी सुरक्षा मंजूरी रद्द कर सकती है।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की एकल पीठ ने स्पष्ट किया कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और एयरपोर्ट जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में किसी भी विदेशी इकाई की भूमिका पर सरकार यदि संदेह जाहिर करती है, तो उसे हस्तक्षेप का पूरा अधिकार है। अदालत के इस फैसले के बाद सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया अब भारत के किसी भी हवाई अड्डे पर सेवाएं नहीं दे पाएगी।
सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि सुरक्षा मंजूरी रद्द करना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है, क्योंकि उन्हें न तो पूर्व सूचना दी गई और न ही अपना पक्ष रखने का अवसर। कंपनी ने कहा कि BCAS ने राष्ट्रीय सुरक्षा को कारण बताकर मंजूरी रद्द की, लेकिन कोई ठोस सबूत या स्पष्टीकरण नहीं दिया गया।
कंपनी ने यह भी दावा किया कि आदेश संविधान के अनुच्छेद 14 और 19(1)(जी) का उल्लंघन है, जो समानता और व्यापार करने की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। साथ ही, कंपनी ने यह भी कहा कि उनके कई सौ कर्मचारियों को व्यक्तिगत रूप से सुरक्षा मंजूरी दी गई है और वे पहले से जांचे-परखे लोग हैं।
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में पक्ष रखते हुए कहा कि यह मामला सिर्फ व्यावसायिक संचालन का नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा का है। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट और कार्गो हैंडलिंग के कार्य अत्यंत संवेदनशील होते हैं, क्योंकि इनसे जुड़े कर्मचारियों को एयरपोर्ट के हर हिस्से की जानकारी होती है।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के लिए सरकार को किसी विशेष कारण को सार्वजनिक करने की आवश्यकता नहीं है। उनके अनुसार, “दुश्मन 10 बार प्रयास कर सकता है और अगर एक बार भी सफल हो गया, तो उसका नुकसान अपार हो सकता है, जबकि भारत को हर बार सफल होना होगा।”
दिल्ली हाईकोर्ट ने कंपनी की तमाम दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि जब मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हो, तो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत भी सीमित हो जाते हैं। अदालत ने कहा कि सरकार के पास यह अधिकार है कि वह कोई भी कारण बताए बिना भी सुरक्षा मंजूरी रद्द कर सकती है, विशेषकर ऐसे मामलों में जहां देश की संवेदनशील संरचनाओं की सुरक्षा दांव पर हो।
इस फैसले के साथ ही सेलेबी अब दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा हवाई अड्डे, हैदराबाद, कोचीन और गोवा के मनोहर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों सहित कुल नौ हवाई अड्डों पर अपने संचालन को जारी नहीं रख सकेगी।