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भोपाल में इस साल का पहला कोरोना केस, 42 वर्षीय महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव, निजी अस्पताल में भर्ती, एमपी में अब तक कुल 31 केस

भोपाल। राजधानी भोपाल में इस साल का पहला कोरोना संक्रमित मरीज सामने आया है। 42 वर्षीय महिला की RT-PCR जांच रिपोर्ट मंगलवार शाम को पॉजिटिव आई। फिलहाल महिला एक निजी अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में भर्ती है और चिकित्सकीय निगरानी में है। बताया जा रहा है कि महिला कुछ दिनों से बुखार और गले में खराश की शिकायत के साथ ओपीडी में परामर्श के लिए पहुंची थी, जिसके बाद जांच कराई गई।

प्रदेश में अब तक 31 कोरोना केस

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2025 में अब तक मध्यप्रदेश में कुल 31 कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हो चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार, अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले 15 से 20 प्रतिशत मरीजों में कोरोना जैसे लक्षण पाए जा रहे हैं। हालांकि, उन्हें मास्क पहनने की सलाह दी जाती है, लेकिन उनमें से बहुत कम ही मरीज इस पर अमल करते हैं।

बदलते मौसम में गले के संक्रमण में तेजी

बारिश से पहले गर्मी और उमस भरे मौसम में गले के संक्रमण के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह संक्रमण गले में खराश और दर्द से शुरू होता है। यदि समय पर इलाज न हो, तो यह समस्या बढ़कर आवाज में भारीपन या बोलने में कठिनाई जैसी स्थितियों तक पहुंच सकती है। आमजन को सलाह दी गई है कि गले से जुड़ी किसी भी समस्या को नजरअंदाज न करें और तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।

कड़ाई से जांच हो तो बढ़ सकते हैं केस

मध्यप्रदेश में कोरोना जांच की सुविधा सीमित होने के कारण संक्रमितों की वास्तविक संख्या कहीं अधिक हो सकती है। यदि केरल की तर्ज पर व्यापक स्तर पर RT-PCR जांच शुरू की जाए, तो केसों की संख्या में कई गुना वृद्धि हो सकती है। केरल में लक्षण दिखाई देते ही तुरंत जांच कराई जा रही है, जिससे वहां कुल संक्रमितों की संख्या 1400 के पार पहुंच गई है। वहीं मध्यप्रदेश में यह सुविधा केवल निजी लैब में उपलब्ध है, जिसकी कीमत 1200 से 1500 रुपए के बीच है। सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है।

 

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