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भोपाल के कालीघाट पर बना है मां कालिका का चमत्कारी मंदिर, कहा जाता है– यहां से कोई भक्त खाली हाथ नहीं लौटता

चैत्र नवरात्रि का हर एक पल भक्ति और श्रद्धा से भरा होता है। इन नौ दिनों में देवी के दर्शन करने से भक्तों को अपार ऊर्जा और आस्था की अनुभूति होती है। इसी क्रम में आज हम आपको भोपाल के प्रसिद्ध कालीघाट मंदिर के दर्शन कराते हैं, जिसे श्रद्धालु अपनी आस्था का केंद्र मानते हैं। कहा जाता है कि यहाँ आने वाला भक्त कभी भी खाली हाथ नहीं जाता।

भोपाल के छोटे तालाब किनारे स्थित है कालीघाट मंदिर

भोपाल के छोटे तालाब के पास स्थित यह मां काली मंदिर हजारों भक्तों की आस्था का प्रमुख स्थल है। प्रतिदिन यहाँ सैकड़ों श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन नवरात्रि के दौरान यहाँ भक्तों की भीड़ कई गुना बढ़ जाती है।

मंदिर में मां कालिका की मनमोहक प्रतिमा

मंदिर में प्रवेश करते ही श्रद्धालु प्रसाद की दुकानों से चुनरी, हार, फूल और भोग का सामान लेकर माँ को अर्पण करने के लिए उमड़ पड़ते हैं। माँ कालिका की प्रतिमा अत्यंत सुंदर और आकर्षक है, जिसकी एक झलक पाने के लिए भक्त लंबी कतारों में खड़े रहते हैं।

भक्तों की हर मनोकामना होती है पूरी

कहा जाता है कि नवरात्रि के दिनों में यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना मां कालिका पूर्ण करती हैं और उन पर अपनी कृपा बरसाती हैं। यही कारण है कि भक्तगण माँ के दर्शन के लिए व्याकुल रहते हैं और श्रद्धा से नतमस्तक होते हैं।

मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व

मंदिर के पुजारी के अनुसार, इस स्थान पर बीजासेन माता स्वयं प्रकट हुई थीं, जिसके बाद यहां मां कालिका की प्रतिमा को विराजमान किया गया। माँ कालिका के अलावा यहां मां दुर्गा, भगवान भोलेनाथ, हनुमान जी, मां शीतला और भैरव बाबा की प्रतिमाएं भी विराजमान हैं। श्रद्धालु इन देवताओं का जलाभिषेक और पूजन कर सुख-शांति की कामना करते हैं।

नवरात्रि में भक्ति और चमत्कार का अनुभव

भोपाल का यह घाट वाली मां काली मंदिर न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि यहां होने वाले चमत्कार भक्तों को मां से जोड़ते हैं। नवरात्रि के दौरान यहां विशेष अनुष्ठान और पूजन किए जाते हैं, जिससे वातावरण भक्तिमय हो जाता है।

पीपुल्स अपडेट नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक आपको अलग-अलग देवी मंदिरों के दर्शन कराएगा और उनके विशेष चमत्कारों से परिचित कराएगा। तब तक सभी भक्तों को हमारी ओर से – जय मां कालिका!

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