Shivani Gupta
15 Sep 2025
Hemant Nagle
15 Sep 2025
Peoples Reporter
15 Sep 2025
Manisha Dhanwani
15 Sep 2025
प्रवीण श्रीवास्तव-भोपाल। बीमार होने पर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) से होम्योपैथी दवाओं की जानकारी भी अब मिल सकेगी। भोपाल के सरकारी होम्योपैथी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. निशांत नाम्बीशन ने एआई बेस्ड होम्यो चैट जीपीटी ऐप तैयार किया है। बीमारी के लक्षण बताने पर यह दवाओं व उनके कॉम्बीनेशन की जानकारी मिनटों में दे देगा। डॉ. नाम्बीशन का दावा है कि यह अपनी तरह का दुनिया का पहला ऐप है। वे बताते हैं कि लार्ज लैंग्वेज मॉडल आधारित यह ऐप हिंदी, अंग्रेजी सहित अन्य भाषाओं में काम कर सकता है। देश-विदेश के एक हजार होम्योपैथी डॉक्टरों द्वारा इस ऐप को उपयोग करने के बाद इसे पेंटेंट कराया जा रहा है।
पत्नी के साथ मिलकर बनाया: डॉ. नाम्बीशन ने पत्नी डॉ. स्मिता के साथ ऐप तैयार किया है। उन्होंने बताया कि ऐप में होम्योपैथी के 200 साल पुरानी 120 से ज्यादा किताबों के फॉर्मूले शामिल किए गए है।
कॉम्बिनेशन याद रखना कठिन: होम्योपैथी में 3500 से ज्यादा दवाएं हैं, इनके कॉम्बीनेशन बनाना व याद रखना जटिल काम है, लेकिन यह ऐप मिनटों में दवाओं की जानकारी दे देता है।
डॉ. स्मिता ने बताया कि कोई जटिल बीमारी होती है तो डॉक्टर सटीक उपचार के लिए पुरानी किताबें पढ़ कर कॉम्बीनेशन तैयार करते हैं, जिसमें लंबा समय लगता है। यह ऐप व्यक्ति को बीमारी के स्टेज के आधार पर सिर्फ दवा या कॉम्बीनेशन बताता है।
डॉ. नाम्बीशन होम्योपैथी विशेषज्ञ होने के साथ कंप्यूटर साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं। उन्होंने स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में डिग्री कोर्स के साथ आईआईटी रुड़की से मशीन लर्निंग का कोर्स भी किया है।
डॉ. नाम्बीशन ने सिकल सेल एनीमिया से जूझ रहे मरीजों की जांच के लिए टेस्टिंग डिवाइस भी इजाद किया था। जेब में रखने वाली इस डिवाइस से पांच मिनट में ही बीमारी की पहचान हो जाती है। इससे पहले यह जांच लैब कल्चर टेस्ट से होती थी और रिपोर्ट आने में 3-4 दिन लगते थे।