
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में साइबर ठगी के एक सनसनीखेज ‘डिजिटल अरेस्ट’ मामले का पर्दाफाश हुआ है। भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच ने मुख्य सरगना आजाद पिता भूरी (38) को उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के रठीगांव से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने खुद को ‘दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी’ बताकर लोगों को धमकाया और लाखों रुपए ठगे।
कैसे करता था फ्रॉड?
- आरोपी हिंदी भाषी राज्यों के मोबाइल नंबर टारगेट करता था।
- मोबाइल नंबर के पिछले कुछ अंकों को बदलकर कॉल करता था, जिससे कॉल अधिक विश्वसनीय लगे।
- कॉल पर खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अफसर बताता था।
- फर्जी गिरफ्तारी वारंट और मुकदमा दिखाकर लोगों को डराता था।
- फिर वकील, जज और गारंटर के नाम पर पैसे की मांग करता था।
- पीड़ितों से फर्जी बैंक खातों में पैसे डलवाकर एटीएम से निकाल लेता था।
- इसके लिए वह अन्य राज्यों के बैंक खातों और सिम कार्डों का उपयोग करता था।
- आरोपी ने स्वीकार किया कि वह 4–5 साल से इस तरह की ठगी में संलिप्त है।
मामले की शुरुआत कैसे हुई?
दरअसल, भोपाल निवासी सुकन्या सिंह (बदला हुआ नाम) ने 5 मार्च 2025 को शिकायत दी थी कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें कॉल कर दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया और फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी। पीड़िता को डराकर, मामले को सुलझाने के नाम पर वकील, जज और गारंटरों को पैसे देने की बात कही गई। आरोपी ने मामला खत्म कराने के नाम पर महिला से 90,500 रुपए की ठगी कर ली। इस शिकायत पर BNS की धारा 318(4), 319(2) के तहत मामला दर्ज किया गया।
पुलिस की तेज कार्रवाई
शिकायत मिलते ही साइबर क्राइम टीम ने तकनीकी विश्लेषण के आधार पर मोबाइल नंबरों की लोकेशन ट्रेस की। भोपाल साइबर क्राइम टीम ने 5 दिन तक लगातार कानपुर में (यूपी) में दबिश दी। आरोपी आजाद को कानपुर के ग्राम रठीगांव से गिरफ्तार किया। आरोपी के पास से 1 मोबाइल फोन और 6 सिम कार्ड जब्त किए गए।