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बेंगलुरु भगदड़ पर सियासी भूचाल, विपक्ष की सरकार से तीन दिवसीय विशेष सत्र की मांग, CM और डिप्टी सीएम से इस्तीफे की मांग

बेंगलुरु। चार जून को हुए भीषण हादसे ने कर्नाटक को झकझोर कर रख दिया है। राजधानी बेंगलुरु स्थित एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के सामने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की जीत का जश्न मातम में तब्दील हो गया, जब भारी भीड़ के चलते भगदड़ मच गई। इस हादसे में अब तक 11 लोगों की जान जा चुकी है और 56 से अधिक लोग घायल हैं।

अब यह हादसा सिर्फ प्रशासनिक चूक का मामला नहीं रहा, बल्कि राजनीतिक तूफान बन चुका है। कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीजेपी के वरिष्ठ नेता आर. अशोक ने सरकार से तीन दिवसीय विशेष सत्र बुलाने की मांग की है ताकि इस घटना की पूरी पारदर्शिता से जांच हो सके। उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की मांग भी दोहराई।

जनता जानना चाहती है दोषी कौन है?

प्रेस को संबोधित करते हुए आर. अशोक ने कहा- राज्य की जनता जानना चाहती है कि आखिर इस दर्दनाक हादसे के लिए दोषी कौन है? कहां चूक हुई, किस स्तर पर कानून का उल्लंघन हुआ? यह सब पता चलना चाहिए और इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए। उन्होंने इस मुद्दे पर सभी पक्षों से चर्चा कराने की मांग की है, जिसमें प्रशासन की भूमिका, आयोजकों की जवाबदेही, पुलिस की तैयारियां और मुआवजे की पारदर्शिता शामिल हों।

तीन स्तरों की जांच पर भी उठाए सवाल

सरकार ने हादसे की गंभीरता को देखते हुए तीन स्तरों पर जांच की घोषणा की है।

  1. न्यायिक जांच
  2. सीआईडी जांच
  3. एक सदस्यीय जांच आयोग- जिसकी अध्यक्षता रिटायर्ड हाईकोर्ट जज जॉन माइकल डी’कुन्हा कर रहे हैं।

लेकिन अशोक का कहना है कि सरकार बार-बार डी’कुन्हा पर ही सारी जांचें सौंप रही है, जिससे निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। उन्होंने मांग की कि वर्तमान हाईकोर्ट जज की निगरानी में जांच होनी चाहिए।

25 लाख नहीं, एक करोड़ मुआवजा चाहिए

सरकार ने हादसे में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की थी, लेकिन आर. अशोक ने इसे अपर्याप्त बताते हुए कहा- अगर सरकार दिवालिया नहीं है, तो मुआवज़ा कम से कम एक करोड़ रुपये होना चाहिए। यह सिर्फ पैसों का सवाल नहीं है, यह जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का मामला है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि भाजपा के सभी विधायक अपने एक महीने का वेतन मृतकों के परिजनों को सहायता के रूप में देंगे।

DCP की रिपोर्ट ने सरकार पर सवाल खड़े किए

अशोक ने दावा किया कि भगदड़ से पहले पुलिस उपायुक्त (DCP) विधानसौध ने सरकार के सचिव को पत्र लिखा था, जिसमें आयोजन की शर्तों और सुरक्षा निर्देशों का स्पष्ट उल्लेख किया गया था। बावजूद इसके, सरकार ने इन निर्देशों को नजरअंदाज कर आयोजन को हरी झंडी दी।

भाजपा नेताओं की टीम मिलेगी पीड़ित परिवारों से

विधान परिषद में विपक्ष के नेता चलवाड़ी नारायणस्वामी और आर. अशोक ने इस मुद्दे पर विशेष सत्र बुलाने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति और मुख्यमंत्री को पत्र लिखने का फैसला किया है।

आर अशोक ने कहा कि भाजपा नेताओं की एक प्रतिनिधिमंडल टीम मृतकों के परिजनों से मुलाकात करेगी, उन्हें सांत्वना देगी और उनके लिए हर संभव सहायता की मांग करेगी।

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