
ढाका। बांग्लादेश पुलिस ने इंटरपोल से देश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग की नेता शेख हसीना के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग की है। यह मांग उनके अलावा 11 अन्य लोगों के खिलाफ भी की गई है, जिनमें हसीना सरकार के पूर्व मंत्री, सलाहकार और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
तख्तापलट के बाद भारत में हैं शेख हसीना
बताया जा रहा है कि शेख हसीना पिछले वर्ष अगस्त में बांग्लादेश में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद से भारत में शरण लिए हुए हैं। देश में बदले हालात के चलते वे सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आ रही थीं, लेकिन हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात रखी।
इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने जारी किए गिरफ्तारी वारंट
बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने शेख हसीना और उनके साथियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। उन पर मानवता के विरुद्ध अपराध, राजनीतिक नरसंहार, और लोकतंत्र विरोधी गतिविधियों के आरोप लगाए गए हैं। ट्रिब्यूनल के अनुसार, हसीना सरकार के कार्यकाल में सत्ताविरोधी कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया।
क्या है रेड कॉर्नर नोटिस
रेड कॉर्नर नोटिस एक अंतरराष्ट्रीय अलर्ट होता है, जो किसी आरोपी को खोजने, अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने और उसे प्रत्यर्पण के लिए तैयार करने में मदद करता है। हालांकि, यह कोई गिरफ्तारी वारंट नहीं होता, लेकिन इसके जरिए संबंधित देश आरोपी को न्याय प्रक्रिया के दायरे में ला सकता है।
बांग्लादेश बना आतंकी देश- शेख हसीना
शेख हसीना ने 8 अप्रैल को एक वीडियो संदेश में कहा, “पहले बांग्लादेश को विकास के मॉडल के रूप में देखा जाता था, लेकिन अब यह एक आतंकी देश बन चुका है। हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं को जिस बेरहमी से मारा जा रहा है, वह बताया भी नहीं जा सकता।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि देश में अब मीडिया की स्वतंत्रता खत्म हो चुकी है। बलात्कार, हत्या और डकैती जैसे अपराधों की रिपोर्टिंग भी संभव नहीं रही। जो मीडिया संस्थान ऐसा करता है, उसे सरकारी निशाना बनाया जाता है।
अपने वीडियो संदेश में उन्होंने आगे कहा, “अल्लाह ने मुझे किसी मकसद से जिंदा रखा है। मैं एक दिन वापस लौटूंगी और अवामी लीग के नेताओं को मारने वालों को इंसाफ के कठघरे में खड़ा किया जाएगा।”
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