
बांग्लादेश में सियासी संकट गहराता जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अब पहली बार खुलकर बयान दिया है और अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर कई सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। शेख हसीना ने कहा कि, यूनुस ने आतंकवादियों की मदद से बांग्लादेश की सत्ता हथियाई है।
यूनुस ने आतंकियों से मिलकर सत्ता हथियाई
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोशल मीडिया पोस्ट और ऑडियो संदेश में कहा कि मोहम्मद यूनुस ने प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की मदद से सत्ता पर कब्जा किया है। हसीना ने दावा किया कि, जिन लोगों से बांग्लादेश की सरकार ने अब तक जनता को बचाया था, आज वही देश पर राज कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाए थे, कई गिरफ्तारियां की थीं, लेकिन यूनुस ने सत्ता में आते ही सभी को रिहा कर दिया। अब जेलें खाली हैं और बांग्लादेश आतंकियों के हाथों में चला गया है।”
बिना जनादेश के चल रही अंतरिम सरकार
हसीना ने कहा कि मोहम्मद यूनुस की सरकार का कोई संवैधानिक आधार नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि “जिसने अवैध रूप से सत्ता कब्जाई है, उसे संविधान से छेड़छाड़ करने का अधिकार किसने दिया?” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यूनुस ने अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाकर लोकतंत्र का गला घोंट दिया है।
सेंट मार्टिन द्वीप पर भी उठाए गंभीर सवाल
हसीना ने एक भावुक ऑडियो संदेश में कहा कि उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान ने अमेरिका को सेंट मार्टिन द्वीप देने से इनकार कर दिया था, जिस कारण उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी। उन्होंने आरोप लगाया कि आज यूनुस उसी द्वीप को अमेरिका को सौंपने की तैयारी में हैं। हसीना ने दो टूक कहा- जिस धरती पर 30 लाख लोगों ने जान दी, उसकी एक इंच जमीन भी बेची नहीं जा सकती।
5 अगस्त को हुआ था तख्तापलट
शेख हसीना की सरकार के खिलाफ बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 को बिना खून-खराबे के तख्तापलट हुआ था। इस दौरान हिंसक प्रदर्शन हुए और उन्हें भारत में शरण लेनी पड़ी। तब से बांग्लादेश की सत्ता अंतरिम सरकार के पास है, जिसकी कमान मोहम्मद यूनुस के हाथ में है।
सेना और BNP का दबाव: दिसंबर तक चुनाव की मांग
बांग्लादेश में अब सेना और मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने दिसंबर 2025 तक आम चुनाव कराने की मांग की है। वहीं यूनुस का कहना है कि चुनाव जनवरी से जून 2026 के बीच होंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उन पर अनावश्यक दबाव बनाया गया, तो वह जनता के साथ मिलकर “जवाबी कार्रवाई” करेंगे।
हसीना की वापसी और विरोध की लहर
हसीना के बयानों के बाद देशभर में यूनुस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और तेज हो गए हैं। सोशल मीडिया और सड़कों पर लोग हसीना की वापसी की मांग कर रहे हैं। हसीना ने संकेत दिए हैं कि वह चुप नहीं बैठेंगी और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इस मुद्दे को उठाएंगी।
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