
नई दिल्ली। अनिल कुमार लाहोटी ने रेलवे बोर्ड (Ministry of Railways) के नए अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) का पदभार संभाला लिया है। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने एक जनवरी 2023 से लाहोटी की रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दी है। बता दें कि इससे पहले वह रेलवे बोर्ड में सदस्य (इंफ्रास्ट्रक्चर) के तौर पर काम कर चुके हैं।
कौन हैं अनिल कुमार लाहोटी ?
अनिल कुमार लाहोटी भारतीय रेलवे इंजीनियरिंग सेवा के 1984 बैच के अधिकारी हैं। जिन्हें हाल ही में सरकार द्वारा अनुमोदित (स्वीकृत) भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा के लेवल-17 की पहले पैनल में शामिल किया गया। लाहोटी ने ग्वालियर स्थित माधव इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस से सिविल इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडल के साथ स्नातक किया है और रुड़की विश्वविद्यालय (आईआईटी, रुड़की) से मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग (स्ट्रक्चर्स) किया है।
रेलवे में अपने 36 वर्षों से अधिक के सेवा काल के दौरान लोहाटी ने मध्य, उत्तर, उत्तर मध्य, पश्चिम और पश्चिम मध्य रेल और रेलवे बोर्ड में विभिन्न पदों पर कार्य किया है।
Shri Anil Kumar Lahoti takes over the charge of new Chairman & CEO of Railway Board.
A 1984 batch officer of Indian Railway Service of Engineers (IRSE), Shri Lahoti has an illustrious career with vast experience in Railway management and administration pic.twitter.com/5qtCfmL9qZ— Ministry of Railways (@RailMinIndia) January 1, 2023
मध्य रेल के महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे लोहाटी
इससे पहले अनिल कुमार लाहोटी मध्य रेल के महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे और कई महीनों तक पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था। महाप्रबंधक के रूप में उनके कार्यकाल में सबसे अधिक संख्या में किसान रेल चलाने और राजस्व के मामले में उन्हें अब तक का सबसे अधिक माल और पार्सल यातायात (टन में) प्राप्त करने का श्रेय प्राप्त है। उन्होंने गैर-किराया, स्क्रैप की बिक्री और व्यापक टिकट जांच अभियान द्वारा राजस्व में रिकॉर्ड सुधार का कार्य भी किया है।
लोहाटी ने मुंबई में वातानुकूलित उप-नगरीय सेवाओं के विस्तार के जटिल मुद्दे का सफलतापूर्वक परिचालन और समाधान किया है। उनके कार्यकाल के दौरान, मध्य रेल ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निष्पादन और कमीशनिंग में बड़े स्तर पर सुधार किया तथा मुंबई में दिवा और ठाणे के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित 5वीं और 6वीं लाइन की शुरुआत की।