
नई दिल्ली। देश की प्रमुख डेयरी कंपनी अमूल (Amul) ने भी 1 मई 2025 से दूध की कीमतों में 2 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है। इससे पहले मदर डेयरी और वेरका ब्रांड ने भी इसी हफ्ते अपने दूध की कीमतों में वृद्धि की थी। नई दरें देशभर में लागू होंगी और इससे अमूल स्टैंडर्ड, अमूल गोल्ड, अमूल बफैलो मिल्क, अमूल स्लिम एंड ट्रिम, अमूल चाय मजा, अमूल ताजा और अमूल काऊ मिल्क जैसे लोकप्रिय वैरिएंट प्रभावित होंगे।
जानिए किस वैरिएंट की कितनी बढ़ी कीमतें
दूध की वैरायटी | पुरानी कीमत (500 मि.ली.) | नई कीमत (500 मि.ली.) |
अमूल स्टैंडर्ड | ₹30 | ₹32 |
अमूल बफैलो | ₹36 | ₹38 |
अमूल गोल्ड | ₹33 | ₹35 |
अमूल स्लिम एंड ट्रिम | ₹24 | ₹26 |
अमूल चाय मजा | ₹31 | ₹33 |
अमूल ताज़ा | ₹27 | ₹29 |
अमूल गाय दूध | ₹27 | ₹29 |
1 लीटर पैक में भी बदलाव हुआ है
अमूल गोल्ड 1 लीटर – ₹65 से बढ़कर ₹67
अमूल ताजा 1 लीटर – ₹53 से बढ़कर ₹55
कीमत बढ़ाने के पीछे का कारण
अमूल ने दूध की दरें बढ़ाने का कारण दूध उत्पादकों की इनपुट लागत में वृद्धि बताया है। कंपनी ने कहा कि, पिछले एक साल में 36 लाख से ज्यादा किसानों को बेहतर दाम दिए गए हैं। अमूल के मुताबिक, उपभोक्ताओं से ली गई कीमत का लगभग 80% हिस्सा सीधे किसानों को लौटाया जाता है, जिससे वे दूध उत्पादन में सुधार कर सकें।
अमूल का कारोबार और विस्तार योजना
- वित्त वर्ष 2025 में अमूल का कारोबार ₹66,000 करोड़ तक पहुंच चुका है। कंपनी का अनुमान है कि इस साल आइसक्रीम सेगमेंट में दोहरे अंकों में वृद्धि हो सकती है।
- कंपनी ने बताया कि पिछले साल जून 2024 के बाद से दूध की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। इसके उलट, जनवरी 2025 में अमूल ने 1 लीटर दूध पर ₹1 की कटौती भी की थी।
कैसे काम करता है अमूल का को-ऑपरेटिव मॉडल
सरदार पटेल की पहल पर 1946 में शुरू हुआ अमूल आज देश की सबसे बड़ी डेयरी कंपनियों में से एक है। अमूल का कामकाज तीन स्तरों पर आधारित है:
- डेयरी को-ऑपरेटिव सोसाइटी
- डिस्ट्रिक्ट मिल्क यूनियन
- स्टेट मिल्क फेडरेशन
गुजरात में 33 जिलों की 18,600 सोसाइटीज से जुड़े 36 लाख से ज्यादा किसान प्रतिदिन लगभग 2.5 करोड़ लीटर दूध सप्लाई करते हैं।
दूध की कलेक्शन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑटोमेटेड है, जिसमें किसानों की आमदनी फैट कंटेंट और मात्रा के आधार पर तय होती है।
किसानों को मिलने वाली सुविधाएं
- हर महीने तय तारीख पर भुगतान सीधे बैंक खाते में होता है।
- स्पेशल ऐप के जरिए जानकारी।
- मवेशियों की मुफ्त ट्रेनिंग व इलाज।
- चारा उत्पादन के लिए हाईटेक फीड प्लांट।
- ऑटोमेटेड मशीनरी पर सब्सिडी।
अमूल का यह मॉडल बिजनेस स्कूल्स में केस स्टडी बन चुका है, जो दिखाता है कि कैसे प्रॉफिट सीधे किसानों तक पहुंचता है।
मौसम और लागत से जुड़ी चुनौतियां
कंपनियों का कहना है कि, इस बार गर्मी जल्दी शुरू होने से दूध उत्पादन पर असर पड़ा है। साथ ही चारे की कीमतें, मजदूरी, और ट्रांसपोर्ट की लागत बढ़ने से दूध की खरीद कीमतों में 4-5 रुपए प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी हुई है।
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