Manisha Dhanwani
10 Nov 2025
वॉशिंगटन डीसी। अमेरिका की संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में गुरुवार देर रात राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बहुचर्चित ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ पास हो गया। बिल के समर्थन में 218 वोट पड़े जबकि 214 सांसदों ने इसका विरोध किया। इस मतदान में ट्रंप की अपनी पार्टी रिपब्लिकन के दो सांसद- थॉमस मैसी और ब्रायन फिट्जपैट्रिक ने पार्टी लाइन से हटकर विरोध में मतदान किया।
इससे पहले यह बिल सीनेट में भी पास हो चुका है जहां 50-51 के मामूली अंतर से इसे मंजूरी मिली थी। उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस ने निर्णायक वोट डाला था।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप इस विधेयक पर 4 जुलाई को शाम 5 बजे साइन करेंगे। इस दिन अमेरिका का स्वतंत्रता दिवस है और व्हाइट हाउस में विशेष पिकनिक व समारोह का आयोजन भी किया जाएगा। ट्रंप ने कहा कि “मैंने लाखों अमेरिकियों को डेथ टैक्स से छुटकारा दिलाया है।”
टैक्स कट्स की मियाद बढ़ेगी – ट्रंप के पहले कार्यकाल में लाए गए टैक्स कट्स को स्थायी रूप से लागू किया जाएगा।
ओवरटाइम और टिप्स पर टैक्स खत्म – मेहनताने और अतिरिक्त काम के पैसे पर टैक्स नहीं लगेगा।
बिजनेस टैक्स में छूट – व्यापारिक वर्ग को राहत, लेकिन सोशल सिक्योरिटी पर टैक्स जारी रहेगा।
EV और सोलर सब्सिडी खत्म – इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और सौर ऊर्जा से जुड़ी टैक्स छूट बंद होंगी।
सरकारी कर्ज सीमा बढ़ेगी – अमेरिका की उधारी सीमा 4 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाई जाएगी।
AI नीति पर राज्यों की आजादी सीमित – कुछ राज्यों को AI संबंधी नियम बनाने से रोका जाएगा।
टेस्ला और स्पेसएक्स के CEO इलॉन मस्क ने इस बिल की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे “पागलपन और देश के लिए रणनीतिक नुकसान” करार दिया। मस्क ने कहा, “यह बिल लाखों नौकरियां खत्म करेगा और भविष्य के उद्योगों को तबाह कर देगा।”
ट्रंप ने पलटवार करते हुए मस्क को “सरकारी सब्सिडी पर पलने वाला” बताया। उन्होंने कहा, “अगर सब्सिडी बंद हो जाए, तो मस्क को अपनी कंपनियां बंद कर अफ्रीका लौटना पड़ेगा।”
मार्च 2024: मस्क ने किसी उम्मीदवार को समर्थन देने से मना किया।
जुलाई 2024: ट्रंप पर हमले के बाद मस्क ने समर्थन और 2000 करोड़ रुपए दान दिया।
अगस्त 2024: सरकारी खर्च घटाने के लिए मस्क को DOGE प्रमुख बनाया गया।
मई 2025: मस्क ने ट्रंप के बिल की आलोचना की, फिर इस्तीफा दिया।
जून 2025: दोनों के बीच सार्वजनिक बहस और आरोप-प्रत्यारोप तेज हुए।
जहां ट्रंप इसे “आर्थिक आजादी का उत्सव” बता रहे हैं, वहीं कई ट्रेड यूनियन और डेमोक्रेट्स ने इसे “क्रूर और खतरनाक” बताया है। यूनाइटेड फूड एंड कमर्शियल वर्कर्स यूनियन के प्रमुख मिल्टन जोन्स ने कहा कि ये बिल शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे अहम क्षेत्रों पर बुरा असर डालेगा।