
2 अप्रैल की देर रात को अमेरिका ने भारत पर 26% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, लेकिन बाद में इसे 27% कर दिया गया। अब एक बार फिर इसमें सुधार किया गया है और व्हाइट हाउस द्वारा जारी किए गए दस्तावेज के अनुसार, इसे दोबारा 26% कर दिया गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर यह टैरिफ लगाने के पीछे कारण बताया कि नई दिल्ली, वाशिंगटन के साथ उचित व्यापारिक व्यवहार नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय अमेरिकी घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और भारत के साथ व्यापार घाटे को कम करने के लिए लिया गया है। 2023-24 में अमेरिका का भारत के साथ व्यापार घाटा 35.31 बिलियन डॉलर था।
अन्य देशों के टैरिफ में भी किया बदलाव
अमेरिका ने न केवल भारत बल्कि दक्षिण कोरिया, बोत्सवाना, कैमरून, मलावी, निकारागुआ, नॉर्वे, पाकिस्तान, फिलीपींस, सर्बिया, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, वानुअतु और फॉकलैंड द्वीप सहित 14 देशों पर टैरिफ दरों में संशोधन किया है। दक्षिण कोरिया के टैरिफ में भी बदलाव किया गया, जिसे पहले 25% रखा गया था, फिर बढ़ाकर 26% किया गया और अब इसे पुनः 25% कर दिया गया है। ट्रम्प की पारस्परिक टैरिफ नीति के तहत, सभी अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों ने 5 अप्रैल को वैश्विक 10% टैरिफ के साथ शुरुआत की।
ट्रम्प ने टैरिफ नीति को लेकर क्या कहा
ट्रम्प ने अपने भाषण में कहा कि अमेरिका दशकों से विदेशी निर्मित ऑटोमोबाइल पर 2.5% टैरिफ लगा रहा है, जबकि यूरोपीय संघ 10% से अधिक टैरिफ वसूलता है और उनके पास 20% वैट है। भारत 70% टैरिफ लगाता है और दक्षिण कोरिया, जापान सहित कई अन्य देशों ने अमेरिका पर व्यापारिक बाधाएं लगा रखी हैं। ट्रम्प ने दावा किया कि भारत ने अमेरिका पर दोगुना टैरिफ लगाया है, जो 52% तक पहुंच गया है।
अमेरिका का भारत के साथ व्यापार घाटा 35.32 बिलियन डॉलर
2021-22 से 2023-24 तक अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है। भारत के कुल निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग 18% है, जबकि आयात में यह 6.22% और द्विपक्षीय व्यापार में 10.73% रही। 2023-24 में अमेरिका का भारत के साथ व्यापार घाटा 35.32 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। यह आंकड़ा 2022-23 में 27.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर, 2021-22 में 32.85 बिलियन अमेरिकी डॉलर, 2020-21 में 22.73 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 2019-20 में 17.26 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
अमेरिका को किन चीजों का निर्यात करता है भारत
भारत अमेरिका को औषधि निर्माण, दूरसंचार उपकरण, कीमती और अर्ध-कीमती पत्थर, पेट्रोलियम उत्पाद, सोना और अन्य कीमती धातु के आभूषण, तैयार सूती वस्त्र और लोहा एवं इस्पात के उत्पाद निर्यात करता है। 2024 में अमेरिका को किए गए मुख्य निर्यात में औषधि निर्माण का मूल्य 8.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर, दूरसंचार उपकरण 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर, कीमती और अर्ध-कीमती पत्थर 5.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर, पेट्रोलियम उत्पाद 4.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर, सोना और अन्य कीमती धातु के आभूषण 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर, तैयार सूती वस्त्र 2.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर और लोहा एवं इस्पात के उत्पाद 2.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।