
जम्मू। अमरनाथ यात्रा 2025 का शुभारंभ 3 जुलाई से होने जा रहा है। इसके लिए प्रशासनिक और सुरक्षा तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। जम्मू के भगवतीनगर बेस कैंप से पहला जत्था 2 जुलाई को रवाना होगा। यह यात्रा 3 जुलाई से 9 अगस्त तक यानी कुल 38 दिनों तक चलेगी।
ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू
जिन श्रद्धालुओं ने अभी तक ऑनलाइन पंजीकरण नहीं कराया है, उनके लिए 30 जून से जम्मू में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया गया है। सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन महाजन सहित अन्य केंद्रों पर श्रद्धालुओं की लंबी लाइनें देखी गईं। एक श्रद्धालु ने कहा – “आतंकी डर का कोई असर नहीं, इस बार आस्था भारी पड़ेगी।”
यात्रा के दो मुख्य रूट : पहलगाम और बालटाल
पहलगाम रूट (48 किमी) – आसान लेकिन लंबा रास्ता। इसमें शेषनाग और पंचतरणी पड़ाव के बाद गुफा तक पहुंचा जाता है।
बालटाल रूट (14 किमी) – छोटा लेकिन कठिन रास्ता, बुजुर्गों के लिए अनुशंसित नहीं।
मल्टी-लेयर सुरक्षा व्यवस्था
अमरनाथ यात्रा मार्ग पर CRPF की 50 हजार से अधिक जवानों की तैनाती की गई है। जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर मल्टी-लेयर सुरक्षा व्यवस्था, K-9 डॉग स्क्वॉड, फेस रिकग्निशन सिस्टम (FRS) और जैमर लगाए गए हैं। 581 कंपनियों में से 42 हजार से 58 हजार जवान लगातार निगरानी में रहेंगे।
क्या रखें साथ?
- आधार कार्ड, 4 पासपोर्ट फोटो
- मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट
- RFID कार्ड
- ऊनी कपड़े, रेनकोट, दवाएं
- रोजाना 4-5 किमी वॉक की आदत
अमरनाथ गुफा की खासियत
अमरनाथ गुफा समुद्र तल से 3888 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। यहां प्राकृतिक रूप से बनने वाला हिमानी शिवलिंग श्रद्धा और विज्ञान दोनों का संगम है। गुफा में तापमान 0°C से नीचे रहता है जिससे बर्फ का शिवलिंग आसानी से बनता है।
कैसे करें रजिस्ट्रेशन?
ऑफलाइन: जम्मू के विभिन्न केंद्रों पर पहले-आओ-पहले-पाओ के आधार पर।
ऑनलाइन: SASB की वेबसाइट के माध्यम से।
शुल्क: ऑफलाइन 120 रुपए, ऑनलाइन 220 रुपए
मॉक ड्रिल से आपदा के लिए तैयार
सीआरपीएफ, सेना, JKP और SDRF ने भूस्खलन की स्थिति में बचाव के लिए मॉक ड्रिल की। इससे तीर्थयात्रा के दौरान किसी आपदा की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी।
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