
भोपाल। मध्य प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ ही एक बड़ा फैसला लिया गया है। लगातार हो रही भारी बारिश को देखते हुए राज्य के सभी नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व को आगामी तीन महीनों के लिए बंद कर दिया गया है। यह निर्णय पर्यटकों की सुरक्षा और वन्यजीवों के प्रजनन काल को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
वन विभाग के अनुसार, 1 जुलाई से लेकर 30 सितंबर 2025 तक टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्कों के कोर जोन में एंट्री पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी। इस दौरान पर्यटक केवल बफर जोन में ही सफारी और ट्रेकिंग का आनंद ले पाएंगे।
पर्यटन प्रभावित, बफर जोन में मिलेगी छूट
टाइगर रिजर्व से जुड़े पर्यटन व्यवसाय से लाखों लोगों की आजीविका जुड़ी है। इसी को ध्यान में रखते हुए बफर जोन को पर्यटकों के लिए खुला रखा जाएगा, जहां वे जंगल कैंपिंग, नाइट स्टे और ट्रेकिंग सफारी का अनुभव ले सकेंगे।
टाइगर रिज़र्व बंद करने की वजह क्या है?
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बरसात का मौसम बाघों और अन्य वन्यजीवों के लिए प्रजनन का समय होता है। इस दौरान जानवर ज्यादा सतर्क और आक्रामक हो जाते हैं। साथ ही बारिश के कारण रास्ते भी कीचड़ भरे और खतरनाक हो जाते हैं। इन कारणों से हर साल यह निर्णय लिया जाता है।
बुकिंग अभी से शुरू, अक्टूबर से खुलेगा कोर जोन
टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्कों के कोर जोन 1 अक्टूबर 2025 से पुनः पर्यटकों के लिए खोल दिए जाएंगे। जो पर्यटक अक्टूबर से सफारी का आनंद लेना चाहते हैं, वे अभी से मध्यप्रदेश वन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं।
- बंद अवधि: 1 जुलाई 2025 – 30 सितंबर 2025।
- कोर जोन: पूरी तरह बंद।
- बफर जोन: ट्रेकिंग और नाइट स्टे के लिए खुला।
- बुकिंग: वन विभाग की वेबसाइट से पहले से करा सकते हैं।
एमपी में हैं 9 टाइगर रिजर्व
- कान्हा टाइगर रिजर्व
- पेंच टाइगर रिजर्व
- बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व
- सतपुड़ा टाइगर रिजर्व
- पन्ना टाइगर रिजर्व
- नौरादेही टाइगर रिजर्व
- संजय दुबरी टाइगर रिजर्व
- माधव नेशनल टाइगर रिजर्व
- रतापानी टाइगर रिजर्व