
कोलकाता। वक्फ कानून के विरोध में शुरू किए गए अभियान के पहले दिन ही पश्चिम बंगाल के कई जिलों में हालात बेकाबू हो गए। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ कानून के विरोध में 87 दिनों का “वक्फ बचाओ अभियान” शुरू किया है। AIMPLB ने अभियान को शांतिपूर्ण बताने की बात कही थी, लेकिन मुर्शिदाबाद, मालदा और दक्षिण 24 परगना में प्रदर्शन उग्र हो गया। इसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं। जिसकी वजह से सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा और ट्रेनों तथा सड़कों पर यातायात प्रभावित हुआ।
मुर्शिदाबाद में सबसे ज्यादा हिंसा
मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर और सुती इलाकों में शुक्रवार दोपहर 12 से 1 बजे के बीच प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए। उन्होंने NH-12 को जाम कर दिया, कई बसों और वाहनों में आग लगा दी, पुलिस पर पथराव किया। सुती थाना क्षेत्र के साजूर क्रॉसिंग पर भीड़ ने पुलिस पर क्रूड बम फेंके।
रेलवे स्टेशन पर हमला, कई ट्रेनें रद्द
प्रदर्शनकारियों ने निमटीटा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पर पथराव किया। इससे ट्रेनों का परिचालन बाधित हुआ। रेलवे के मुताबिक, न्यू फरक्का-अजीमगंज खंड पर लगभग 5000 लोगों की भीड़ ने धुलियांगंगा स्टेशन के पास ट्रैक जाम कर दिया। इस कारण दो ट्रेनें रद्द की गईं और पांच को डायवर्ट किया गया।
पुलिस ने किया लाठीचार्ज
पुलिस ने उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। झड़पों में 10 पुलिसकर्मी घायल हुए। प्रदर्शन के दौरान 3 लोगों की मौत की खबर भी सामने आई, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
BSF तैनात, इंटरनेट सेवा बंद
हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने बीएसएफ को तैनात किया और हिंसाग्रस्त इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। 12 घंटे के बाद हालात सामान्य हुए और सड़क एवं रेल यातायात बहाल किया गया। हालांकि, इंटरनेट अभी भी बंद है।
राज्यपाल ने लिया संज्ञान
राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस ने हिंसा पर चिंता जताते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत की। उन्होंने राज्य सरकार को उपद्रवियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए और कहा कि कानून हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
विपक्ष ने सरकार पर लगाए आरोप
विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि, राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। उन्होंने कहा कि, कट्टरपंथी खुलेआम संविधान और कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं और ममता सरकार उन्हें मौन समर्थन दे रही है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का ऐलान और रणनीति
AIMPLB ने घोषणा की है कि, 11 अप्रैल से 7 जुलाई तक पूरे देश में वक्फ कानून के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। जिसमें 1 करोड़ दस्तखत कर पीएम मोदी को ज्ञापन भेजा जाएगा। इसके साथ ही 30 अप्रैल को रात 9 बजे आधे घंटे के लिए “बत्ती गुल आंदोलन” का भी ऐलान किया गया है।
बंगाल में सबसे ज्यादा विरोध
जहां एक ओर पश्चिम बंगाल में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं देश के अन्य हिस्सों में AIMPLB के अभियान को लेकर शांतिपूर्ण विरोध या औपचारिक कार्यक्रम ही देखने को मिले हैं। इससे यह सवाल उठने लगा है कि, आखिर बंगाल में ही हालात क्यों बेकाबू हो रहे हैं।
CM ममता बनर्जी और BJP आमने-सामने
सीएम ममता बनर्जी ने संकेत दिए हैं कि वे राज्य में नया वक्फ कानून लागू नहीं होने देंगी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि ममता सरकार ने बंगाल को जिहादी ताकतों के हवाले कर दिया है और कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।
ये भी पढ़ें- दिल्ली एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी : आंधी-तूफान के कारण 50 से ज्यादा फ्लाइट्स लेट, टर्मिनल-3 पर पर भगदड़ जैसे हालात