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Ahmedabad Plane Crash : क्या सभी शव बरामद हो चुके हैं, परिजनों की पीड़ा के बीच प्रशासन की चुप्पी, छह दिन से कर रहे शवों का इंतजार

अहमदाबाद। शहर में हुए भीषण प्लेन क्रैश हादसे को छह दिन बीत चुके हैं, लेकिन मृतकों के परिजनों का दर्द अब भी वैसा ही बना हुआ है। घटना के बाद अस्पताल परिसर में रोते-बिलखते चेहरे, सरकारी चुप्पी और पहचान की धीमी प्रक्रिया से परिजन अब परेशान हो रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या हादसे में मारे गए सभी शव वाकई मिल चुके हैं या नहीं?

शवों की पहचान डीएनए रिपोर्ट पर निर्भर

अधिकारियों के अनुसार, अधिकतर शव बुरी तरह जल चुके थे, जिससे उनकी पहचान कर पाना मुश्किल हो गया। यही वजह है कि सभी शवों की पुष्टि के लिए डीएनए टेस्टिंग का सहारा लिया जा रहा है। जिन शवों की पहचान हो चुकी है, केवल उन्हीं के परिजनों को सूचना दी जा रही है। इसके चलते कई परिवार अब भी अनिश्चितता की स्थिति में हैं।

शव बरामदगी के आंकड़े अस्पष्ट

सरकारी स्तर पर अब तक कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है कि कुल कितने शव बरामद किए गए और कितनों की पहचान बाकी है। यही अस्पष्टता लोगों के बीच कई तरह के संदेह और सवाल खड़े कर रही है। इससे कुछ सवाल पैदा हो रहे हैं, जैसे- क्या सभी शवों को बरामद कर लिया गया है? क्या कुछ शव अब भी मलबे में दबे हैं या लापता हैं? क्या कुछ शव इतने जले हुए हैं कि पहचान मुमकिन ही नहीं है?

छह दिन से अस्पताल के बाहर परिजन

सिविल अस्पताल में शवों की शिनाख्त के लिए बनाए गए केंद्र के बाहर कई परिवार बीते छह दिनों से डटे हुए हैं, बस एक कॉल के इंतजार में। न दिन की खबर, न रात की। उनकी उम्मीद अब प्रशासन की ओर से मिलने वाली पुष्टि पर टिकी है।

शव मिलने की प्रक्रिया में देरी ने पीड़ित परिवारों को दोहरी मानसिक पीड़ा में डाल दिया है। एक ओर अपने प्रियजन के निधन का गम, दूसरी ओर उसकी पहचान और अंतिम संस्कार तक की अनिश्चितता। कई परिवारों ने प्रशासन से अपील की है कि उन्हें कम से कम पारदर्शिता के साथ यह बताया जाए कि स्थिति क्या है।

12 जून को हुआ प्लेन हादसा

12 जून को दोपहर करीब 1:38 बजे अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर टेकऑफ के कुछ मिनट बाद मेघाणीनगर में बीजे मेडिकल कॉलेज के परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस भयावह हादसे में विमान में सवार 242 यात्रियों और क्रू के सदस्यों में से 241 की मौत हो गई, जिसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे। केवल एक यात्री, विश्वास कुमार रमेश चमत्कारिक रूप से बच गए। विमान के मलबे से ब्लैक बॉक्स बरामद किया गया है, जो हादसे के कारणों का पता लगाने में मदद करेगा। हादसे में मेडिकल कॉलेज के 5 छात्रों सहित 29 अन्य लोगों की भी जान गई। केंद्र सरकार ने जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की है और पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की गई है।

 

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