
अहमदाबाद। 12 जून की दोपहर अहमदाबाद के लिए एक खौफनाक दोपहर बन गई। एयर इंडिया की अंतरराष्ट्रीय उड़ान संख्या AI-171 लंदन के लिए रवाना हुई थी। लेकिन वह टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के बाद नियंत्रण खो बैठा और सीधा बीजे मेडिकल कॉलेज एंड सिविल हॉस्पिटल के हॉस्टल भवन से जा टकराया। इस हादसे में 242 यात्रियों में से 241 की दर्दनाक मौत हो गई।
अब हादसे के पांच दिन बाद भी, कई परिवारों को उनके प्रियजनों के शव तक नहीं मिल पाए हैं। अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस के बाहर रोजाना दर्जनों परिजन तपती धूप में आंखों में आस लिए खड़े हैं।
शवों की पहचान में आ रही है भारी दिक्कत
प्रशासन का कहना है कि शवों की पहचान डीएनए मिलान के आधार पर की जा रही है। लेकिन यह प्रक्रिया बेहद धीमी और जटिल साबित हो रही है। अब तक सैकड़ों सैंपल लिए जा चुके हैं। कई केसों में रिपोर्ट आना अभी बाकी है। कुछ मामलों में परिजनों के डीएनए सैंपल अब तक लिए ही नहीं गए हैं। हादसे के बाद कई शव जल चुके हैं, अंग भंग हो चुके हैं या इतने विकृत हो गए हैं कि उनकी पारंपरिक तरीकों से पहचान असंभव हो गई है।
क्या शव वाकई बरामद हो चुके हैं?
पोस्टमार्टम हाउस के बाहर खड़े परिजन अब प्रशासन से यह कठिन लेकिन जरूरी सवाल पूछ रहे हैं कि क्या हादसे के मलबे से वाकई सभी शव बरामद कर लिए गए हैं?
कुछ लोगों को आशंका है कि मलबे में अब भी कुछ शव दबे हो सकते हैं या पहचान की प्रक्रिया में चूक के कारण उन्हें गलत रूप से सौंप दिया गया हो।
मानसिक तनाव में डूबे हैं परिजन
हादसे के बाद जो बचा है, वह सिर्फ इंतजार और असहनीय पीड़ा है। एक महिला जिनका बेटा उस विमान में था, रोते हुए कहती हैं, “हमें उसके शरीर का एक हिस्सा तक नहीं मिला… कैसे मान लें कि वह चला गया?”
हर दिन बीतने के साथ परिजनों की उम्मीदें मुरझा रही हैं, लेकिन वो शव की अंतिम झलक पाने के लिए अभी भी अस्पताल परिसर में डटे हुए हैं।
(अहमदाबाद से जितेंद्र शर्मा की रिपोर्ट)