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जाति जनगणना पर केंद्र के फैसले के बाद सियासी गलियारों में हलचल, कांग्रेस ने कहा- यह राहुल की जीत; वहीं तेजस्वी ने…

नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जाति जनगणना कराने का ऐलान कर राजनीतिक गलियारों में नई बहस छेड़ दी है। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस महत्वपूर्ण फैसले की जानकारी दी। जाति आधारित जनगणना की मांग लंबे समय से विपक्षी दलों द्वारा की जा रही थी, खासकर कांग्रेस, राजद और जदयू जैसे दलों द्वारा।

कांग्रेस ने सरकार के यू-टर्न पर उठाए सवाल

कांग्रेस पार्टी हमेशा जाति जनगणना को लेकर लगातार मुखर रही है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार के इस फैसले को राहुल गांधी की जीत बताया है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जब आपको राहुल गांधी की बात माननी ही है, तो उसका विरोध क्यों करते हैं?”

खेड़ा ने आरोप लगाया कि सरकार पहले राहुल गांधी पर समाज को जातियों में बांटने का आरोप लगाती रही और अब खुद वही कदम उठा रही है। उन्होंने आगे कहा, “जो लोग राहुल गांधी पर जातिवाद फैलाने का आरोप लगाते थे, अब वे ही इसे मास्टरस्ट्रोक बताएंगे।”

खेड़ा ने यह भी कहा कि यह सिर्फ आंकड़ों को इकट्ठा करने की बात नहीं है, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में पहला कदम है।

राहुल गांधी की ओर से शाम 7 बजे इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की घोषणा की गई है, जिसमें वे सरकार के फैसले और आगे की रणनीति पर बात करेंगे।

तेजस्वी ने इसे 30 साल पुरानी मांग की जीत बताया

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने केंद्र सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम समाजवादी लोग 30 साल पहले जिन मुद्दों को लेकर चलते हैं, वे बाकी लोग दशकों बाद अपनाते हैं।”

उन्होंने कहा कि जब उन्होंने जातिगत जनगणना की मांग की थी, तब उन्हें जातिवादी कहा गया, लेकिन अब वही मांग सरकार मान रही है। लालू ने कहा, “इन संघियों को हमारे एजेंडे पर नचाते रहेंगे।”

तेजस्वी यादव ने इस फैसले को समाजवादियों की जीत बताते हुए कहा, “यह हमारी, समाजवादियों और लालू यादव जी की जीत है। पहले प्रधानमंत्री ने हमारी मांग को नकार दिया था, लेकिन आज वही सरकार हमारे एजेंडे को स्वीकार कर रही है।”

जदयू ने भी किया फैसले का स्वागत

जदयू ने जाति जनगणना के फैसले को ऐतिहासिक और स्वागत योग्य बताया। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा, “नीतीश कुमार जी ने लगातार इस मुद्दे को विभिन्न मंचों पर उठाया, चाहे विधानसभा में प्रस्ताव हो या प्रधानमंत्री से मुलाकात। यह फैसला उनकी निरंतर कोशिशों का परिणाम है।”

कांग्रेस की चेतावनी- सिर्फ आंकड़ों से नहीं होगा सामाजिक न्याय

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने चेताया कि केवल जातिगत आंकड़े इकट्ठा कर लेने से सामाजिक न्याय सुनिश्चित नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी कहा करते हैं कि जाति जनगणना एक एक्स-रे रिपोर्ट है। रिपोर्ट के बाद इलाज भी होना चाहिए। यदि यह केवल रिपोर्ट बनाकर छोड़ दिया गया, तो इसका कोई फायदा नहीं होगा।”

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