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ऑपरेशन सिंदूर के बाद चीन का प्रोपेगैंडा अभियान बेनकाब; फ्रांस की खुफिया रिपोर्ट में खुलासा- राफेल की छवि खराब करने की कोशिश, लेकिन मिली नाकामी

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले संघर्ष में भारत ने फ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू विमानों का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया। इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारत के तीन राफेल विमानों को मार गिराया है। इस झूठे दावे को चीन ने वैश्विक मंच पर फैलाने का प्रयास किया।

चीन ने चलाया प्रोपेगैंडा कैंपेन

फ्रांस की खुफिया एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक सुनियोजित प्रोपेगैंडा कैंपेन चलाया। इसके तहत उसने विभिन्न देशों के अपने दूतावासों के जरिए फ्रांस के राफेल विमानों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। चीन चाहता था कि जिन देशों ने राफेल के लिए ऑर्डर दिए हैं, वे उसे रद्द कर चीन निर्मित लड़ाकू विमान खरीदें।

डिफेंस अटाशे के जरिए फैलाई गई भ्रांतियां

रिपोर्ट के अनुसार, चीन के दूतावासों में तैनात डिफेंस अटाशे ने अन्य देशों के सैन्य अधिकारियों से मुलाकात कर यह प्रचार किया कि भारत द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे राफेल विमान युद्ध में विफल रहे हैं। साथ ही उन्होंने चीन के बने हथियारों की तारीफ करते हुए उन्हें बेहतर विकल्प के रूप में पेश किया।

फ्रांस और भारत ने दावों को बताया झूठा

दसॉ एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने पाकिस्तान के इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि राफेल पूरी तरह सक्षम और प्रभावी विमान है। भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने भी शांघरी-ला डायलॉग के दौरान स्पष्ट किया कि राफेल को लेकर पाकिस्तान और चीन के दावे पूरी तरह गलत हैं।

 

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