
इंदौर। ज्योतिष विचार मंच इंदौर द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय ज्योतिष अलंकार एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। नखराली ढाणी के सभागार में आयोजित यह समारोह का रविवार (2 अप्रैल) को समापन हुआ। इस समारोह में देशभर से करीब 135 ज्योतिष विद्वानों ने भाग लिया। भोपाल की ज्योतिषाचार्य न्यूसी समैया ने ज्योतिष में रुद्राक्ष के महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में 135 ज्योतिष विद्वानों ने लिया भाग
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नितिन पी. कश्यप, विशेष अथिति गजेंद्र सरकार, जयंत भाई जोशी प्रमुख संरक्षक एम. एस. श्रीवास्तव, मंच संरक्षिका डॉ. गीतांजली दुबे, अध्यक्ष हरि यादव, पूर्व अध्यक्ष सत्यप्रकाश दीक्षित, डॉ. सर्वेश शर्मा ने दीप प्रज्जविलत कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस सम्मेलन में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, इंदौर, भोपाल, उज्जैन, देवास, महाराष्ट्र के लगभग 135 ज्योतिष विद्वानों ने भाग लिया।
अलग-अलग विषयों पर हुई चर्चा
मंच की मुख्य संरक्षिका डॉ. गीतांजली दुबे ने देशभर से आए ज्योतिष विद्वानों का स्वागत किया। इसके साथ ही ज्योतिष विचार मंच की ज्योतिषीय गतिविधियों के विषय में चर्चा की। प्रमुख संरक्षक एम.एस. श्रीवास्तव ने चिकित्सा ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं पर महत्व डालते हुए बताया कि, बीमारियों का निदान ज्योतिष के माध्यम से बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ है।
भोपाल की ज्योतिषाचार्य न्यूसी समैया ने ज्योतिष में रुद्राक्ष के महत्व पर प्रकाश डाला। दिल्ली से आए मुख्य अथिति नितिन पी. कश्यप ने ज्योतिष के ग्रहों की दृष्टि रहस्य पर चर्चा की। ग्वालियर से नाड़ी ज्योतिष ज्ञाता गजेंद्र सरकार ने कर्म निर्धारण और नाड़ी ज्योतिष पर चर्चा की, बड़ौदा के जयंत भाई जोशी ने मांगलिक दोष पर चर्चा की। अनेक विद्वानों ने ज्योतिष द्वारा व्यक्तियों की समस्यायों के निदान के विषय में अपने विचार व्यक्त किए।
इंदौरी परंपरा के साथ हुआ कार्यक्रम का समापन
देश विदेश के ज्योतिष की विभिन्न विषयों के विद्वान इससे जुड़े हुए हैं। इंदौर में पहली बार बड़े स्तर पर यह सम्मेलन आयोजित किया गया। मंच के सदस्य जमनालाल जोशी व जया शर्मा द्वारा शॉल श्रीफल से वरिष्ठ ज्योतिषियों का सम्मान किया गया। साथ ही मंच की सदस्य सीमा मांडिल ने इंदौर की परंपरा को निभाते हुए अथितियों को मिठाई और डॉ. अविनाश शर्मा ने ज्योतिष किताबें दीं। इसके अलावा रुद्राक्ष व सभी ज्योतिषियों को सम्मान पत्र दिया गया। इंदौरी परंपरा का ध्यान रखते हुए राजस्थानी भोजन व ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।