
नई दिल्ली। अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के भयावह हादसे की जांच अब निर्णायक दिशा में बढ़ रही है। हादसे के 26 दिन बाद एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने मंगलवार को केंद्र सरकार को अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंप दी है।
इस रिपोर्ट को दुर्घटनास्थल से मिले सबूतों, ब्लैक बॉक्स के तकनीकी डेटा और अन्य विश्लेषणों के आधार पर तैयार किया गया है। हालांकि, विस्तृत जांच रिपोर्ट आने में अभी तीन महीने का समय लग सकता है।
12 जून को हुआ था भयानक हादसा
12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 ने अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी थी। टेकऑफ के कुछ ही देर बाद विमान तकनीकी गड़बड़ी के चलते नियंत्रण खो बैठा और अहमदाबाद के निकट एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गया। इस दर्दनाक हादसे में 241 यात्रियों और क्रू मेंबर्स सहित कुल 270 लोगों की मौत हो गई थी। सिर्फ एक यात्री को जीवित बचाया जा सका, जिसकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
जांच में हर एंगल पर काम
केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कुछ दिन पहले बयान दिया था कि इस हादसे की जांच हर पहलू से की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि साजिश (सैबोटाज) की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, और इसी आधार पर CCTV फुटेज, तकनीकी डेटा, और चश्मदीदों के बयान जुटाए जा रहे हैं। जांच एजेंसियां अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के तहत जांच कर रही हैं।
ब्लैक बॉक्स से अहम डेटा हुआ रिकवर
दुर्घटनाग्रस्त विमान के दोनों ब्लैक बॉक्स – Cockpit Voice Recorder (CVR) और Flight Data Recorder (FDR) सुरक्षित रूप से बरामद कर लिए गए थे। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, 25 जून को AAIB की प्रयोगशाला में इन ब्लैक बॉक्स की मेमोरी से डेटा सफलतापूर्वक डाउनलोड कर लिया गया। इसमें उड़ान के दौरान की गई बातचीत और तकनीकी गतिविधियों का पूरा रिकॉर्ड मौजूद है, जो हादसे की असली वजहों का पता लगाने में अहम भूमिका निभाएगा।
विस्तृत रिपोर्ट 3 महीने में आएगी
केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बताया कि विस्तृत जांच रिपोर्ट अगले तीन महीनों के भीतर तैयार हो सकती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एयर इंडिया के सभी 33 ड्रीमलाइनर विमानों की जांच नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के आदेश पर कर ली गई है और वे पूरी तरह सुरक्षित पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह हादसा एक ‘अपवाद’ था और यात्रियों को घबराने की जरूरत नहीं है।