भोपाल। एक तरफ जहां डिजिटल अरेस्ट को लेकर तमाम जागरूकता के अभियान चलाए जा रहे हैं, वहीं यह घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। भोपाल से एक बार फिर डिजिटल अरेस्ट का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां 70 वर्षीय डॉक्टर रागिनी मिश्रा को तीन दिनों तक जालसाजों ने अपने झूठे जाल में फंसाकर घर के एक कमरे में कैद रखा और डरा धमकाकर उनसे 10 लाख रुपए ठग लिए।
CBI अधिकारी बनकर किया खेल
जालसाजों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर डॉक्टर रागिनी मिश्रा को निजी एयरवेज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाने की धमकी दी। इस डर से उन्होंने न सिर्फ घर में बंद रहने की हिम्मत की, बल्कि अपने खाते से 10 लाख रुपए जालसाजों के बताए खाते में ट्रांसफर भी कर दिए।
जान से मारने की दी धमकी
डॉक्टर रागिनी को धमकी दी गई कि यदि उन्होंने किसी को इस घटना की जानकारी दी, तो उन्हें और उनके पति को गोली मार दी जाएगी। जालसाजों ने यह भी कहा कि उनके लोग सिविल ड्रेस में घर के बाहर निगरानी कर रहे हैं। इस खौफ के कारण डॉक्टर रागिनी ने अपने पति से भी संपर्क नहीं किया।
घटना के दौरान जालसाजों ने डॉक्टर रागिनी को केवल बाथरूम जाने की अनुमति दी और एक दिन का खाना भी नहीं दिया। लगातार धमकियों से डरी हुई डॉक्टर किसी से मदद मांगने की हिम्मत नहीं जुटा पाईं।
पति की समझदारी आई काम
डॉ. रागिनी के पति महेश मिश्रा को जब घटना की भनक लगी, तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर महिला को जालसाजों से रेस्क्यू किया।
डॉ. मिश्रा की शिकायत के बाद पुलिस ने बदमाशों से संपर्क करने की कोशिश की। बातचीत के दौरान आरोपियों ने ऊल-जलूल बातें कीं, जिससे उनकी साजिश का पर्दाफाश हुआ। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जालसाजों की तलाश जारी है।
पीएम मोदी भी जता चुके हैं चिंता
इससे पहले देशव्यापी स्तर पर पीएम मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में इस पर चिंता जाहिर की थी और इससे बचाव के मंत्र भी दिए थे। उन्होंने लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि सरकार में वीडियो पर इंट्रोगेशन करने की कोई जगह नहीं है। किसी भी तहर की पूछताछ फिजिकल ही की जाती है। ऐसे में, इन फोन कॉल्स को लेकर सतर्क रहें। इसके बाद प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने इसे लेकर नागरिकों को चेताया था।
भोपाल पुलिस कमिश्नर ने कही ये बात
डिजिटल अरेस्ट के इस मामले को लेकर भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने बताया कि एक 74 वर्षीय वृद्ध डॉक्टर ने शिकायत दर्ज कराई कि पिछले दो दिनों से उनकी 70 वर्षीय पत्नी अपने कमरे से बाहर नहीं निकल रही हैं। इसके साथ ही वो काफी डरी हुई हैं। उन्होंने और डिटेल तो नहीं बताई लेकिन उनके इतने ही बयान से पुलिस ने भांप लिया कि वो डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुई हैं। इसके फौरन बाद, उनके निवास स्थल पर पुलिस की टीम को भेजा गया और उन्हें रेस्क्यू किया गया। महिला के बयान के बाद साबित हुआ कि यह एक डिजिटल अरेस्ट की घटना थी।
कमिश्नर मिश्र ने यह भी बताया कि जिस तरह भोपाल में इंजीनियर के साथ हुई पिछली डिजिटल अरेस्ट की वारदात में आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। वैसे ही, इस मामले में आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी। महिला से पूरी जानकारी निकलवाई जा रही है, जिसके बाद कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने लोगों को ऐसे फ्रॉड कॉल से सतर्क रहने के सलाह दिए हैं।
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