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New Year 2025 : नए साल के पहले दिन इतनी बढ़ जाएगी दुनिया की आबादी, भारत का हाल जानकर चौंक जाएंगे

- नए साल के पहले दिन दुनिया की आबादी 8.09 अरब तक पहुंचने का अनुमान

न्यूयार्क। साल 2025 की शुरुआत के साथ ही दुनिया एक नई जनसंख्या की दहलीज पर कदम रखेगी। नए साल के पहले दिन दुनिया की आबादी 8.09 अरब तक पहुंचने का अनुमान है। इस साल दुनिया की जनसंख्या में कुल 7.1 करोड़ की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि 2023 में यह वृद्धि 7.5 करोड़ थी।

अमेरिकी जनगणना ब्यूरो द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में हर सेकंड दुनिया में 4.2 जन्म और 2.0 मौतें होंगी। यह आंकड़े 2024 में दर्ज की गई जनसंख्या वृद्धि दर से थोड़े कम हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पहले दिन दुनिया की आबादी करीब 8.09 अरब हो जाएगी।

अमेरिका में जनसंख्या वृद्धि के आंकड़े

अमेरिका में भी जनसंख्या वृद्धि के दिलचस्प आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में अमेरिका में हर 9 सेकंड में एक व्यक्ति का जन्म होगा और हर 9.4 सेकंड में एक व्यक्ति की मौत होगी।

इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की वजह से अमेरिका में हर 23.2 सेकंड में एक व्यक्ति जोड़ा जाएगा। यदि इन सभी कारकों को मिलाकर देखा जाए, तो अमेरिका में हर 21.2 सेकंड में जनसंख्या में एक व्यक्ति का इजाफा होगा। 2024 में अमेरिका की कुल जनसंख्या में लगभग 26 लाख लोगों की वृद्धि हुई थी।

भारत की क्या होगी स्थिति

बता दें कि इस वक्त चीन को पीछे छोड़ भारत आबादी के मामले में नंबर एक पर आ गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की उच्च जन्म दर इसके पीछे प्रमुख कारण है। रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में भारत की जनसंख्या वृद्धि दर 0.9% रहने की संभावना है और देश की कुल जनसंख्या 146 करोड़ तक पहुंच जाएगी।

संयुक्त राष्ट्र की सामाजिक-आर्थिक एजेंसी UNDESA द्वारा 2023 में जारी रिपोर्ट में भारत की जनसंख्या चीन के बराबर या उससे अधिक होने की भविष्यवाणी की गई थी।

भारत में कामकाजी आबादी में होगी वृद्धि

भारत के लिए जनसंख्या वृद्धि एक अवसर भी हो सकता है। UNDESA के अनुसार, भारत में अगले 11 सालों तक कामकाजी आबादी (15 से 64 वर्ष की आयु वर्ग) में वृद्धि होगी, जबकि गैर-कामकाजी आबादी (15 वर्ष से कम और 64 वर्ष से अधिक) की निर्भरता घटेगी। यह भारत की उत्पादकता बढ़ाने और आर्थिक प्रगति को गति देने का सुनहरा मौका है। हालांकि, इतनी बड़ी आबादी को संसाधन, रोजगार और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना एक चुनौती भी होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अपनी युवा आबादी के लिए बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।

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