
अशोक गौतम, भोपाल। मोहन सरकार बनने के बाद राम वन पथ गमन के विकास के प्रस्ताव में तेजी आ गई है। इसके विकास और निर्माण की जिम्मेदारी सात विभागों को दी गई है। लोस चुनाव के बाद ये विभाग पूरे विकास कार्यों का खाका तैयार करेंगे। पहले चरण में चित्रकूट, अमरकंटक को लिया जाएगा। इसका मास्टर प्लान बनेगा, ताकि इन शहरों को सुव्यवस्थित बसाया और बनाया जा सके।
धार्मिक पर्यटन के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। राम वन पथ गमन का विकास केन्द्र की प्रसाद, स्वदेश और ईको पर्यटन योजना से किया जाएगा। प्रदेश से पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन, नगरीय प्रशासन, धर्मस्व, संस्कृति, पर्यटन, जल संसाधन, राजस्व, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, लोक निर्माण विभाग काम करेंगे।
राजस्व विभाग: जिला बन सकता है मप्र का चित्रकूट
चित्रकूट का आधा हिस्सा मप्र में और आधा हिस्सा उप्र में है। उप्र का हिस्सा कर्वी में आता है, जिसका वहां की सरकार ने काफी विकास किया है। अब मप्र भी अपने हिस्से में आने वाले चित्रकूट का विकास करने जा रहा है। इसके लिए चित्रकूट को जिला भी बनाया जा सकता है।
संस्कृति विभाग कराएगा अंतर्राष्ट्रीय स्तर की रामलीला
मप्र सरकार चित्रकूट में प्रति वर्ष अंतर्राष्ट्रीय रामलीला कराने पर विचार कर रही है। इसके साथ ही दीपावली के समय विभिन्न तरह के उत्सव और धार्मिक आयोजन किए जाएंगे। त्योहारों के उत्सव का यह काम संस्कृति विभाग के जरिए किया जाएगा।
पीडब्ल्यूडी : लखनऊ एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा
चित्रकूट को लखनऊ एक्सप्रेस वे से जोड़ा जाएगा। यह काम पीडब्ल्यूडी करेगा। यहां से ओरछा, खजुराहो से सीधे रोड कनेक्टिविटी होगी। सतना की तरफ से इसे रेलवे लाइन से भी जोड़ने का काम किया जाएगा।
ग्रामीण विकास व पर्यटन घाटों का विकास करेगा: मंदाकिनी घाट का विकास पंचायत एवं ग्रामीण विकास और पर्यटन विभाग करेंगे।
जल संसाधन विभाग करेगा मंदाकिनी को अविरल: मंदाकिनी की धारा को अविरल बनाने का काम जल संसाधन विभाग करेगा। नदी के ऊपर बने चेक डैम से पानी छोड़ने पर और बारिश के पानी को छोटे डैमों से रोकने का काम भी किया जाएगा।
वन विभाग औषधीय वन बनाने पर काम करेगा: चित्रकूट, अमरकंटक में औषधीय वन तैयार करने का काम वन विभाग को सौंपा गया है। विभाग इन क्षेत्रों में पाए जाने वाले औषधीय पौधों का संरक्षण करेगा।
राम वन पथ गमन विकसित करने के काम तेजी से किया जाएगा। इसके विकास का काम कई विभाग मिलकर करेंगे। इसकी रूप रेखा लोकसभा चुनाव के बाद तैयार की जाएगी और इसे न्यास के समक्ष रखा जाएगा। – एनपी नामदेव, संचालक, संस्कृति विभाग