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53 साल के व्यक्ति ने HIV संक्रमण को मात दी, दुनियाभर में 5 लोग इस रोग से हुए ठीक

जर्मनी में एक 53 साल के व्यक्ति ने एचआईवी (HIV) संक्रमण को मात दे दी। दुनियाभर में अब तक इस गंभीर संक्रमण वाले रोग से सिर्फ पांच लोगों के ठीक होने की जानकारी है। रिसर्चर्स ने यह जानकारी दी है। चूंकि एचआईवी संक्रमित मरीज का नाम गोपनीय रखा जाता है, इसलिए रिसर्चर्स ने उसे ‘डसेलडोर्फ पेशेंट’ कहकर संबोधित किया है।

रिसर्चर्स ने कहा- एचआईवी के इलाज का यह पांचवा पुष्ट मामला है। इस मरीज के सफल इलाज की जानकारी 2019 में पहली बार एक सम्मेलन के दौरान दी गई थी। हालांकि, उस वक्त पुष्ट नहीं हो सका था कि यह रोगी पूरी तरह से ठीक हो गया है या नहीं। अब घोषणा की गई है कि 4 साल पहले एचआईवी की दवाएं बंद करने के बाद भी इस मरीज के शरीर में एचआईवी का कोई भी वायरस नहीं है।

वास्तव में इसका इलाज है : जेन्सेन

‘नेचर मेडिसिन’ में इस केस के बारे में लिखने वाले डॉ. ब्योर्न एरिक ओले जेन्सेन ने कहा- वास्तव में इसका इलाज है और यह दीर्घकालिक है। उन्होंने कहा कि यह बेहद सकारात्मक उम्मीदें देने वाला है, लेकिन अभी बहुत काम करना है। अधिकांश लोगों के लिए एचआईवी एक आजीवन रहने वाला संक्रमण है और वायरस कभी पूरी तरह समाप्त नहीं होता है। लेकिन आधुनिक चिकत्सा को धन्यवाद जिसने एचआईवी संक्रमित लोगों के लंबे जीवन की उम्मीद दी है।

स्टेम सेल प्रत्यारोपण से ठीक हुआ रोगी

शोधकर्ताओं के मुताबिक जो मरीज ठीक हुआ है, वह उन लोगों के एक छोटे समूह में शामिल है, जो स्टेम सेल प्रत्यारोपण के बाद विषम परिस्थितियों में ठीक हो गए है। स्टेम सेल प्रत्यारोपण आमतौर पर केवल कैंसर रोगियों में ही किया जाता है। स्टेम सेल प्रत्यारोपण एक हाई रिस्क प्रोसीजर है, जो किसी व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को प्रभावी ढंग से बदल देती है। यह कैंसर रोगियों के लिए बनाई गई चिकित्सा प्रणाली है, लेकिन चंद मामलों में इस प्रणाली का इस्तेमाल एचआईवी रोगियों पर भी किया गया।

इम्यून सिस्टम में घुसकर कोशिकाएं नष्ट करता है HIV

एचआईवी, यानी ह्यूमन इम्यूनोडिफीसिअन्सी वायरस, इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं में प्रवेश करता है और इन्हें नष्ट कर देता है। उपचार के बिना, निरंतर नुकसान से एड्स, या एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम हो सकता है। इस स्थित में व्यक्ति छोटे से संक्रमण से भी नहीं लड़ सकता है। दुनिया भर में लगभग 38.4 करोड़ लोग HIV के साथ जी रहे हैं। इसका इलाज काफी हद तक विकसित हो चुका है। नई दवाएं वायरस को दूर रख सकती हैं। यही नहीं एचआईवी संक्रमण को रोकने वाली वैक्सीन का भी रिसर्च हो रहा है।

एचआईवी से ठीक होने वाले पहले व्यक्ति टिमोथी रे ब्राउन थे। शोधकर्ताओं ने 2009 में उनके केस को बर्लिन पेशेंट के रूप में प्रकाशित किया था। इसके बाद 2019 में लंदन पेशेंट का ब्योरा प्रकाशित हुआ। 2022 में द सिटी ऑफ होप और न्यूयॉर्क के मरीजों के ठीक होने की जानकारी को प्रकाशित किया गया था।

डॉ. जेन्सेन कहते हैं- मुझे लगता है कि हम इस रोगी और HIV के इलाज के ऐसे ही मामलों से बहुत सारी जानकारी जुटा सकते हैं।
इन चारों मरीजों के ब्लड कैंसर के इलाज के लिए स्टेम सेल ट्रांसप्लांट किया गया था। उनके डोनर्स में भी वही HIV रेसिस्टेंट म्यूटेशन था, जो सीसीआर 5 नामक प्रोटीन को हटा देता है। इसे एचआईवी सामान्य रूप से सेल में प्रवेश करने के लिए इस्तेमाल करता है। कुल आबादी का केवल 1% ही इस जेनेटिक म्यूटेशन को वहन करता है, जो उन्हें एचआईवी के लिए प्रतिरोधी बनाता है।

साउथ शोर हेल्थ में संक्रामक रोग विभाग के डायरेक्टर डॉ. टॉड एलेरिन ने कहा कि जब आप इन एचआईवी इलाज के बारे में सुनते हैं, तो आपके अविश्वसनीय लगता है। क्योंकि यह बेहद चुनौतीपूर्ण है। स्टेम सेल प्रत्यारोपण एक जटिल प्रक्रिया है जो कई जोखिमों के साथ आती है और इसे एचआईवी ग्रस्त सभी लोगों के लिए इलाज के लिए इस्तेमाल करना बहुत जोखिम भरा है। हालांकि, वैज्ञानिकों को उम्मीद है। हर बार जब वे एक नए रोगी का इलाज करते हैं, तो उन्हें काफी जानकारी मिलती है, जो उन्हें यह समझने में मदद करती है कि सभी के लिए इलाज खोजने में क्या जरूरतें होंगी।

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