
भोपाल। भोपाल-इंदौर के बीच नया ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनाया जाएगा। 160 किमी लंबे कॉरिडोर की लागत करीब 15 हजार करोड़ रुपए होगी। यह प्रस्तावित साउथ वेस्टर्न भोपाल बायपास के किसी एक जंक्शन या रातीबड़ के पास से निकाला जाएगा और सीधे इंदौर पहुंचेगा। इससे दोनों शहरों के बीच करीब 40 किमी की दूरी कम हो जाएगी।
देवास नहीं जाना पड़ेगा
अभी दोनों शहरों के बीच की दूरी 190 किमी से ज्यादा है। प्रस्तावित कॉरिडोर देवास से होकर नहीं जाएगा। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने इसकी डीपीआर बनाने के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केंद्र सरकार से भोपाल-इंदौर के बीच ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनाने का अनुरोध किया था। केंद्र ने उनके अनुरोध पर कॉरिडोर की तैयारी शुरू कर दी है। इसी माह डीपीआर बनाने कंसलटेंट एंजेसी के लिए आरईपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) के लिए टेंडर जारी किए हैं।
ये 30 दिसंबर तक जमा किए जाने हैं। एनएचएआई के एक अधिकारी नाम नहीं छापने की शर्त पर बताते हैं कि डीपीआर के लिए ऑफर बुलाए गए हैं, यह रोड कहां-कहां से निकलेगा, यह तो डीपीआर में ही सामने आ पाएगा। फिलहाल इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
औद्योगिक विकास की बढ़ेगी रफ्तार
राजधानी और आर्थिक राजधानी के बीच इस नए कॉरिडोर से न सिर्फ ट्रांसपोर्ट सुविधा और कनेक्टविटी बेहतर होगी, बल्कि दोनों शहरों के बीच औद्योगिक विकास में गति आएगी। इसके किनारे मल्टी लॉजिस्टिक वेयरहाउस और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी विकसित होगा। फिलहाल दोनों शहरों के बीच सिक्सलेन में सेफ्टी पॉइंट के हिसाब से कई जगह कमजोर है। प्रस्तावित कॉरिडोर में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाएंगे।
2019 में आया था एक्सप्रेस- वे बनाने का प्लान
प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने वर्ष 2019 में भोपाल- इंदौर के बीच एक्सप्रेस-वे बनाने की योजना तैयार की थी। इसकी जिम्मेदारी मप्र रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन की सौंपी गई थी। उस समय इस प्रोजेक्ट पर 4,260 करोड़ लागत का अनुमान लगाया गया था। लेकिन सरकार बदलते ही यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी।
इंदौर-उज्जैन के बीच बनाएं जाएंगे 2 हाईवे
इंदौर-उज्जैन के बीच ग्रीनफील्ड फोरलेन को 20 दिन पहले मंजूरी मिली है। 20 किमी उज्जैन सिंहस्थ बायपास को भी टू लेन से फोरलेन किया जाएगा। इसकी लागत 701 करोड़ रुपए होगी। साथ ही उज्जैन- इंदौर के बीच 48 किमी का फोरलेन ग्रीनफील्ड रोड बनाया जाएगा। जिसकी लागत 1370 करोड़ होगी।