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ओपन ऑडिटोरियम में 1 हजार लोग बैठ सकेंगे, बांस से तैयार होंगे छोटे-छोटे हट्स

भारत भवन में 10 साल बाद कलाग्राम का काम शुरू, देशभर के कलाकारों को मिलेगा मौका

10 साल बाद भारत भवन में कलाग्राम का काम शुरू हो गया है। जहां कलासं गीत, साहित्य, रंगकर्मियों के लिए कलाग्राम की मांग करीब 10 साल से की जा रही थी। इस साल के अंत तक कलाग्राम आकार ले लेगा। इसमें शहर के ही नहीं बल्कि पूरे देश के कलाकार आकर अपनी प्रतिभा को निखार सकेंगे। कलाग्राम में गीत, संगीत और रंगमंच के साधको के लिए संगीत और रंगमंच भी स्टूडियो तैयार होगा, जहां कलाकार सुर-सधाना कर सकेंगे। कलाग्राम में रंगमंडल को भी स्थान दिया जाएगा, ताकि कलाकार नाटक की रिहर्सल कर सकें। यहां नृत्य साधना, रंगकर्म और संगीत पर विशेष ध्यान रखते हुए मल्टीपर्पस स्पेस तैयार करने की तैयारी है। वहीं कलाग्राम बनाने के लिए भारत भवन को 1 एकड़ जमीन एलॉट की गई है। ये जमीन भारत भवन के पास मौजूद है। कलाग्राम बनाते समय बिना किसी बड़े कंस्ट्रक्शन और प्रकृति को नुकसान पहुंचाए बिना ही निर्माण होगा। यहां किसी भी तरह का पक्का निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा।

साल के अंत तक तैयार होने की संभावना

इस साल के अंत तक कलाग्राम के आकार लेने की पूरी संभावनाएं हैं। भारत भवन में एक खाली आडिटोरियम भी तैयार किया जाएगा, जिसकी बैठक व्यवस्था लगभग 1 हजार लोगों को होगी। इसके लिए भारत भवन में खाली पड़ी जमीन का भी उपयोग किया जाएगा। इसके न्यास मंडल के सदस्यों द्वारा दिए गए मार्गदर्शन में तैयार किया जाएगा। पूरे मल्टीपर्पस हाल को तैयार करने में करीब दस करोड़ रुपए का खर्च का अनुमान लगाया जा रहा है। अभी इस काम के लिए इसका आधारशीला रखी जा चुकी है।

बांस से सेट तैयार किए जाएंगे कलाग्राम में

ओपन स्पेस होगा और अस्थायी स्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। इसे बनाने के लिए असम और देश के अन्य राज्यों में मिलने वाले मटेरियल और बांस का उपयोग किया जाएगा। ट्राइबल आर्टिस्ट इसे तैयार करेंगे। कलाग्राम में बांस की झोपड़ी और सेट तैयार किया जाएगा, यह बांस विशेषज्ञों द्वारा तय कर लाए जाएंगे, जिसमें कलाकार अपनी प्रस्तुति के साथ अन्य गतिविधियां कर सकेंगे। बांस का स्ट्रक्चर होने से प्रकृति के बीच रहने का अहसास होगा।

कला-साहित्य से जुड़े लोग आनंद उठा सकेंगे

भारत भवन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी प्रेम शंकर शुक्ला ने बताया कि शहर और देश के चित्रकारों के लिए अलग से स्टूडियो के रूप में नई विंग तैयार की जाएगी। इसके कलाग्राम के तहत बनाया जाएगा। जिसमें जनजातीय और कला-साहित्य से जुड़े लोग आनंद उठा सकेंगे साथ ही अपनी प्रतिभा दिखाएंगे। इन सब में करीब 10 करोड़ का खर्च आने का अनुमान लगाया गया है।

नवीनता के लिए स्थान प्रदान करता है

भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 13 फरवरी 1982 को भारत भवन का उद्घाटन किया था। भारत भवन मौखिक, दृश्य और प्रदर्शन कलाओं के बीच एक संवादात्मक निकटता बनाने के लिए स्थापित बहु कला केंद्र है। यह समकालीन अभिव्यक्ति, विचार, खोज और नवीनता के लिए स्थान प्रदान करता है।

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